प्रेमबाबू शर्मा
आपकी अदालत शो से सुर्खियों में आए प्रसिद्व निर्माता निर्देशक गुलशन सचदेवा से हाल में फिल्म दो कहानियां के सेट मुलाकात में हुई । बातचीत के दौरान उन्होने बताया कि फिल्म दो कहानियां टीबी रोग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए बनाई गई हैं। मजेदार बात यह कि इस फिल्म से जीनत अमान की बालीवुड में री-ऐट्री हो रही है। इसके अलावा तीन ओर फिल्में भी है जिसे हम स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए बना रहे है। गुलशन सचदेवा ने बताया कि जब हमने जीनत को बताया कि हम डॉट टीबी पर बन रही फिल्म में उनको बतौर सेलिब्रेटी उनको लेना चाहते है तो उन्होंने तुरंत हॉ कर दी। ये चारो ही फिल्में हमारे दैनिक जीवन और हमारे चारो के दुषित वातारवण से पनपते रोगों पर आधारित है।
राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित फिल्म ‘पेलियो वर्सज पोलियो’ के बाद से ही गुलशन सचदेवा लीक से हटकर गंभीर विषयो पर काम करने काम मन बना चुके है। वे कहते है कि ‘मै आम विषयों से हटकर क्रिएटिव काम करने में विश्वास रखता हॅ। जिसमें चुनौतियां हो। जब मैने टीबी पर बनी चार फिल्मों पर काम आंरभ किया और जानकारियां एकत्र करना शुरू की तो कई तरह की परेशानियां से सामना हुआ। किन्तु मेरे लिए इस फिल्म पर काम करने का एक अलग अनुभव था ।
दूरदर्शन सहित अलग अलग चैनलों के लिए दर्जनों धारावाहिक और टेलीफिल्मों का निर्माण व निर्देशन कर चुके गुलशन सचदेवा के पास एक लंबा अनुभव है। कालांतर में सत्य घटनात्मक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रेरित धारावाहिक पंचम, जंजीरे, लकीरें, कन्हैया, बंद बूंद, आसमान कैसे कैसे, लेखू और झूठ बोले कौवा काटे का निर्माण किया। किन्तु एक ही प्रकार के धारावाहिकों के निर्माण के पीछ कोई खास वजह ? प्रश्न के उतर में उनका कहना था कि मैं आम जिंदगी से जुड़े यथार्थवाद विषय ही मेरी पंसद रहे है। इस प्रकार के विषय के माध्यम से आप समाज मे फैली कुरूती जैसे मुददों को उठा सकते है । जैसे हमने कन्हैया और पंचम की कहानी द्वारा अनेक ज्वंलत मुददों को उठाया था।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित होते हुए कैसा लगा?
इस प्रश्न को सुनते ही बात सुनकर गुलशन सचदेवा का चेहरा खिल उठा और मुस्कराते हुए बोले कि यह मेरे लिए गर्व की बात है और एक प्रेरणा भी, कि मैं समाज में फैले ज्वलंत मुददों पर ही काम करूं।
निकट भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए गुलशन सचदेवा ने कहा वर्तमान में एक राजस्थान धारावाहिक और पंजाबी फिल्म पर काम चल रहा है। किन्तु उसका विषय आजकल के फैमिली सीरियल्स की तरह इसमें किचन पॉलिटिक्स नही होगी। बल्कि धारावाहिक की कहानी मनोरंजन के साथ साथ नैतिकता, सामाजिक चेतना मूल्यों के प्रति सजग करती है। इसके साथ ही धारावाहिक में नारी समास्याओं को भी उठाया गया है।