विश्व भोजपुरी सम्मेलन का आयोजन : पूरी दुनिया के कोने-कोने में भोजपुरी भाषा-भाषी लोगों की संख्या बीस करोड़ से भी अधिक है। सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ. जार्ज ग्रिमसन ने कहा था कि भोजपुरी जीवट वाले लोगों की भाषा है। वास्तव में भोजपुरी बोलने वाले लोग विश्व में जहाँ कहीं भी है, अपनी भाषा व संस्कृति के साथ पूरे अनुराग व समर्पित भाव से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि जहाँ विश्व की सैकड़ों भाषाएँ विलुप्त होने के कगार पर हैं, वहीं भोजपुरी भाषा न केवल तेजी से पफल-पूफल रही है बल्कि इसका साहित्य व सिनेमा क्षितिज अत्यिध्क लोकप्रिय व विस्तृत होता जा रहा है। अमेरिका में नौकरियों के लिए आवेदन-पत्रा भरने की भाषा के रूप में भोजपुरी को मान्यता मिल चुकी है एवं त्रिानिदाद, मॉरीशस, सूरिनाम, पिफजी आदि अनेक देशों में भोजपुरी का पर्याप्त प्रचार-प्रसार हो रहा है। परन्तु आश्चर्य की बात है कि अपने देश में ही भोजपुरी को वह स्थान नहीं प्राप्त हो सका है जिसकी वह हकदार है।
भोजपुरी की उपेक्षा पर क्षोभ प्रकट करते हुए पूर्वांचल एकता मंच के अध्यक्ष श्री शिवजी सिंह का कहना है कि भोजपुरी भाषी लोगों के तमाम प्रयासों के बावजूद केन्द्र सरकार ने भोजपुरी को संविधन की अष्टम अनुसूची में अब तक शामिल नहीं किया हैं पूर्वांचल एकता मंच भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की पुरजोर माँग करते हुए 9 और 10 जनवरी 2010 को दादा देव मेला ग्राउंड, द्वारका, सेक्टर-8, दिल्ली में `विश्व भोजपुरी सम्मेलन´ का आयोजन कर रहा है। दो दिवसीय इस सम्मेलन में देश-विदेश के हजारों भोजपुरी भाषी लोग सम्मिलित हो रहे हैं। इसमें भोजपुरी भाषा-साहित्य एवं संगीत के विविध् कार्यक्रमों के द्वारा विश्व समुदाय व भारत सरकार का ध्यान इस ओर आकषिZत किया जाएगा कि संविधन की अष्टम अनुसूची में सम्मिलित होने का भोजपुरी का दावा कितना प्रबल है। यदि पिफर भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो पूर्वांचल एकता मच अपना संघर्ष और तेज् करेगा।
विश्व भोजपुरी सम्मेलन-2010 के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हुए पूर्वांचल एकता मच के मीडिया प्रभारी श्री संतोष सिन्हा एवं श्री आनन्द प्रकाश ने बताया कि 9 जनवरी 2010, शनिवार को सम्मेलन का उद्घाटन माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार करेंगी। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री जनेश्वर मिश्र मुख्य अतिथि होंगे तथा अध्यक्षता पूर्व सांसद श्री प्रभुनाथ सिंह करेंगे।