“हर शब्द जो ज्ञान दे, वो गुरु हैहर शख्स जो ज्ञान दे , वो गुरु है।”
अपनी मातृभाषा में मिला ज्ञान रोम-रोम में बस जाता है। आत्मनिर्भर भारत के लिए मातृभाषा में विद्या अध्ययन कई समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत कर सकता है। इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए शिक्षक दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और भारत की प्रथम महिला शिक्षिका साबित्री फूले को श्रद्धांजलि देकर हिंदी भाषा में आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार का आगाज हुआ जिसमें दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत से भी विद्यार्थी और अभिभावक जुड़े। राम-जानकी संस्थान, आरजेएस, नई दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य अतिथि सुपर 30 के संस्थापक गणितज्ञ आनंद कुमार ने आरजेएस फैमिली पाॅजिटिव मीडिया परिवार को हिंदी में संबोधित कर जेईई-आईआईटी परीक्षाओं की तैयारी के टिप्स दिए और कहा तैयारी में अपनी पढ़ाई की जांच लगातार करते रहें। नीति कैसी भी हो अपनी लगन , मेहनत हिम्मत और नीयत सकारात्मक रखें। उन्होंने आरजेएस फैमिली के सकारात्मक कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि मैं और मेरा भाई प्रवीण कुमार 2008 से जुड़े हैं। आरजेएस के कार्यक्रम में दूसरी बार भाग ले रहा हूं और बड़ा अपनापन महसूस कर रहा हूं। अशोक ठाकुर जी, अजय बहादुर जी, रहमान जी और डा.वहाब जैसे शिक्षक विद्यादान की मुहिम से जुड़े हैं।मिलकर बेहद प्रसन्नता हुई।
वेबिनार का आयोजन सकारात्मक भारत आंदोलन के सहयोगी सोमन कोले-सचिव, टीजेएपीएस केबीएसके, हुगली पश्चिम बंगाल और अजय कुमार,एमडी, आरजेएस-आई.ए.एग्री-सी.सी.,रतनाढ़, भोजपुर बिहार के सहयोग से आयोजित किया गया।वेबिनार में आरजेएस आॅब्जरवर दीप माथुर ने स्वागत भाषण दिया और आनंद कुमार सहित सभी आरजेएस फैमिली के वक्ताओं और प्रतिभागियों के उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए बधाई दी। वेबिनार का संयोजन और सफल संचालन आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने किया। वेब कास्टिंग में सहयोग आरजेएस स्टार मीडिया टीम डेली डायरी न्यूज़ (आरजेएस स्टार प्रखर वार्ष्णेय) का रहा।प्रख्यात शिक्षाविद् और संस्थापक मुनि इंटरनेशनल स्कूल , दिल्ली अशोक कुमार ठाकुर(आरजेएस स्टार) ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति और सभ्यता से होती है और यह विद्या के द्वारा ही निर्मित किए जा सकते हैं ।वहीं दूसरे वक्ता एसोसिएट प्रोफेसर डा.शेक अब्दुल वहाब , हिंदी विभागाध्यक्ष इस्लामिया कॉलेज, तमिलनाडु ने कहा शिक्षा मात्र साक्षरता नहीं है वह व्यक्ति के समन्वित विकास की प्रक्रिया है जिससे कौशल विकास होता है शिक्षित समाज मानवीय मूल्यों के सहारे सकारात्मक बनकर राष्ट्र का निर्माण करता है ।इन्हीं सकारात्मक व्यक्तियों से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा । उड़ीशा से जुड़े जिंदगी फाउंडेशन के संस्थापक अजय बहादुर सिंह ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला वहीं पटना से जुड़े रहमान 30 के चेयरमैन डा.ओबैदुर रहमान ने कहा कि सत्य न्याय के पाठ पर चलना, जीवन संघर्षों से लड़ना शिक्षक सिखाते हैं.जिंदगी में कुछ ऐसा करना चाहिए कि जाने के बाद भी लोग याद रखें। कोविड-19 काल में गुरू और छात्र की दूरी जल्द समाप्त हो यही कामना करता हूं।
वेबिनार के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान के भेंटकर्ता डा.नरेंद्र टटेसर ने किया।वेबिनार में एक दर्जन से ज्यादा राज्यों के प्रतिनिधि अपने बच्चों के साथ शामिल हुए——-डॉ. विनय कुमार विष्णुपुरी,आरजेएस स्टार पत्रकार अमरेंद्र कुमार मिश्र,आरजेएस राष्ट्रीय स्टार शिक्षक अजय कुमार, आरजेएस एडमिन दीपक स्मिता श्रीवास्तव, आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान भेंटकर्ता नितुल सूतिया की बहन नयन तारा,डॉ.आलोक गोयल ,गुलशन शैफी, सतीश मिश्रा,आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान के भेंटकर्ता रिंकल शर्मा, अर्जुन पंडित ,आकांक्षा,मयंक राज मन्ना , सत्यम आदित्य, अश्विनी कुमार एंड विद्यार्थी गण, विनीत यादव ,डीपी मिश्रा , रविंद्र रेड्डी, सुप्रिया छिकारा रेड्डी, शिखा डबास,पारुल दहिया ,ऋषिकांत शर्मा अरिबन,रचना शौकीन डागर,अन्नू दराल,प्रवीण चहल,आर्यन सैफी ,आनंद,के एन झा ,राजीव रंजन मिश्र, भवेश सुतिया, कुमारी सुतिया,मनु सुतिया,इपक शर्मा,ए.लोरिया लक्ष्मी शर्मा,मनसुइया शर्मा, एस.तोरिया देवी, दिव्या शर्मा,संजय कुमार , रेडमी व विवो मोबाइल होल्डर आदि।सभी प्रतिभागियों को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।