वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाने रे–गांधी जी का ये प्रिय भजन गुजरात के संत कवि नरसी मेहता ने लिखा था। इस भजन में दूसरों का दर्द समझने और किसी को घमंड न करने ,सबको समान रूप से देखना ,लालच का त्याग और सच बोलने जैसी बातों का समागम है, जिसकी आज भारत को बेहद जरूरत है ।इसलिए 2021 में महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर गांधी आम और खास दोनों के लिए बेहद प्रासंगिक हो जाता है ।कहना है राम जानकी संस्थान आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना का।
आज आरजेएस फैमिली से जुड़े 25 राज्यों के लोगों के साथ ऑनलाइन चर्चा की गई जिससे सकारात्मक भारत की आवश्यकता को और बल मिला।गांधी जी के *सादा जीवन उच्च विचार* के सिद्धांत को आचरण में अपनाने के लिए नई पीढ़ी को भी जागरुक किया गया।जमशेदपुर निवासी जगबली सिंह ने स्व० विमला देवी की स्मृति में गांधी जी के नाम का आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान 2021 घोषित किया। स्व० विमला जी का जीवन सादा और विचार सकारात्मक थे। आज बलिदान दिवस पर भोजपुर बिहार के बराप गांव निवासी दिवंगत आरजेएस स्टार पत्रकार कुणाल सिंह (सन्मार्ग) के सकारात्मक पत्रकारिता को आरजेएस फैमिली ने साझा किया। गांधी जी और सभी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई।28 जनवरी की रात में कुणाल सिंह की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया-बिहार के पत्रकार अमरेंद्र कुमार मिश्र और पत्रकार अल्ताफ हुसैन उनके परिवार जनों के दु:ख में शामिल हुए। 113वें ऑनलाइन फेसबुक बैठक में गांधी जी और स्व० विमला देवी तथा कुणाल सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।