सकारात्मक मीडिया संवाद आरजेएस पीबीएच संस्थापक उदय कुमार मन्ना के संचालन में आयोजित किया गया । इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो.(डा.) के.जी. सुरेश , कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल, म.प्र. ने की। मुख्य अतिथि श्री सुरेश ने कहा कि मीडिया साक्षरता को स्कूल स्तर से लागू करने पर जटिल मुद्दों को समझने में नई पीढ़ी को काफी मदद मिल सकती है।
कार्यशाला की शुरुआत भगत सिंह, भीकाजी कामा, दीन दयाल उपाध्याय, राजा राम मोहन राय, रामधारी सिंह दिनकर और जेम्स ऑगस्टस हिक्की को श्रद्धांजलि के साथ हुई। मुख्य अतिथि ने सूचना विस्फोट और सोशल मीडिया में होने वाली सभी प्रकार की विकृतियों को देखते हुए न केवल पत्रकारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए मीडिया साक्षरता और मीडिया शिक्षा की अनिवार्यता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बात की। आरटीआई अधिनियम, कॉपीराइट अधिनियम पर आरजेएस पीबीएच प्रवक्ता अशोक कुमार मलिक के सवालों को मुख्य अतिथि प्रो सुरेश ने विस्तार से बताया।
भारतीय जनसंचार संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर पवन कोंडल ने कहा कि मीडिया संस्थानों को केवल समस्या को उजागर करना ही नहीं उसके समाधान पर भी तवज्जो देना चाहिए।
प्रसार भारती कंसल्टेंट वरिष्ठ मीडियाकर्मी उमेश चतुर्वेदी ने पत्रकारिता के शिक्षण में यूजीसी के नार्म्स के साथ व्यावहारिकता का समावेश जरूरी है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की सामग्री की निगरानी की आवश्यकता के बारे में प्रतिभागी राखी गुप्ता के प्रश्न का उत्तर प्रो. के जी सुरेश ने दिया। चर्चा में चिंता के कई बिंदुओं पर चर्चा हुई, जैसे पत्रकारिता में दुष्प्रचार, फर्जी सूचना, पक्षपातपूर्ण आख्यान, सोशल मीडिया पर गलत जानकारी को कैसे सत्यापित किया जाए। घटनाओं के संदर्भ में विकृति, सार्वजनिक हस्तियों के साक्षात्कार कैसे आयोजित किए जाएं,
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन हुआ। वेबिनार में एडवोकेट सुदीप साहू, दुर्गा दास आजाद, प्रफुल्ल पाण्डेय,डा मुन्नी कुमारी,सोनू मिश्रा, आशीष रंजन आदि शामिल रहे। अंत में आरजेएस पीबीएच प्रवक्ता अशोक कुमार मलिक ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।