नवरात्र में आरजेएस पीबीएच के पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर हुआ वाद-संवाद

राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच)  सकारात्मक भारत -उदय वैश्विक आंदोलन से जनता- जनार्दन को जोड़ने के लिए नवरात्र पर्व के पावन अवसर एक बड़ी मुहिम शुरू करने जा रहा है। इसी के मद्देनजर 6 अक्टूबर 2024 को ऑनलाइन बैठक का आयोजन हुआ और विभिन्न मुद्दों को जनता के बीच ले जाने पर वाद-संवाद हुआ। तय हुआ कि 8 अक्टूबर को सायं 3 बजे नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर पाॅजिटिव मीडिया पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रयोगात्मक परीक्षण होगा।

बैठक के मुख्य अतिथि डा.नरेश चावला उपाध्यक्ष दिल्ली मेडिकल काउंसिल सहित आरजेएशिएन्स वक्ताओं में डा.ओमप्रकाश ,राजेन्द्र सिंह कुशवाहा, लक्ष्मण प्रसाद,सत्येंद्र -सुमन त्यागी, प्रमोद अग्रवाल,डा.मुन्नी कुमारी ,दिनेश कुशवाहा, इसहाक खान, ब्रजकिशोर, सुशीला रंजन और प्रदीप बघेल आदि शामिल रहे।

इसमें ये बात उभरकर सामने आई कि पाॅजिटिव मीडिया पब्लिक एड्रेस सिस्टम को विश्व को बचाने की जिम्मेदारी निभाने में‌ अपनी भागीदारी का समय आ गया है । आरजेएस युवा टोली और सूचना केन्द्र , पटना से अनुरोध किया गया कि वरिष्ठ आरजेएशिएन्स के साथ मंथली बैठक कर उनके अंदर के अकेलेपन को दूर कर उत्साह भरने में मददगार बनें। इसे अन्य स्थानों पर भी लागू किया जाएगा।

आरजेएस पीबीएच के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि सकारात्मक वर्ष 2024-25 में पाॅजिटिव मीडिया पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीएएस)जनाकांक्षाओं और सकारात्मक आंदोलन के बीच सेतु का काम करेगा ताकि विश्व में सकारात्मक माहौल बने।

आज विश्व कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है। पीएएस के वाद-संवाद में नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर ध्यान दिलाया जाएगा। इन सब घटनाओं का दस्तावेजीकरण डिजिटल मोड़ में यूट्यूब पर और प्रिंट में न्यूजलेटर तथा पुस्तक में दर्ज किया जाएगा।

आगामी गणतंत्र दिवस और प्रवासी भारतीय दिवस के उपलक्ष्य में 19 जनवरी 2025 को भारत-वंदन वसुधैव कुटुम्बकम् कार्यक्रम से पूर्व संवाददाता सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा।इस आयोजन में 200 आरजेसियंस के बीच 200 पृष्ठों का “अमृत काल का सकारात्मक भारत-उदय ग्रंथ 04” नामक पुस्तक और पोस्टर का विमोचन होगा।

पाॅजिटिव मीडिया पीएएस में सकारात्मक आंदोलन की प्रमुख बातों पर पब्लिक की प्रतिक्रिया यूट्यूब पर अपलोड कर दुनिया तक पहुचाई जाएगी ताकि विश्व में सकारात्मक बदलाव संभव हो।