औषधीय पौधों के संरक्षण-संवर्धन, गहन अनुसंधान, कृषिकरण तथा व्यापक प्रचार-प्रसार के संकल्प साथ विज्ञान भवन में आयोजित औषधीय पौधों एवं पंचगव्य से संबंधित दो दिवसीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का समापन हुआ। ग्रामीण क्षेत्रीय विकास परिषद् एवं वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् द्वारा कई अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन के दौरान उप राष्ट्रपति माननीय मो. हामिद अंसारी ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय लोकस्वास्थ्य परंपरा में औषधीय पौधों का इस्तेमाल उपचार में होता आया है। लेकिन समय के साथ-साथ बाहरी देशों के प्रभाव के चलते हम अपनी चीजों को भूलते गए। हमारी पारंपरिक औषधियां महंगी दवाओं का बेहतर विकल्प हैं। अतः हमें इसके उपयोग को बढ़ावा देना होगा एवं इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा।
अपने संबोधन में सांसद एवं संसदीय लोक लेखा समिति के अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि पंचगव्य एवं जड़ी बूटियां ऋषि एवं कृषि परंपरा का अनुपम संगम है। जिनसे धर्म-कर्म, अर्थ एवं मोक्ष की प्राप्ति संभव है। आधुनिक वैज्ञानिक परीक्षणों में भी पंचगव्य एवं औषधीय पौधों के प्रभाव को स्वीकार किया गया है। इसे बढ़ावा देने से स्वास्थ्य पर होने वाले बड़े खर्च से तो बचा ही जा सकता है, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी एक नयी गति दी जा सकती है। परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने गौधन को चलती फिरती औषधालय बताते हुए कहा कि पंचगव्य एवं औषधीय पौधों के मिश्रण से जो उपचार होता है वह चमत्कारी परिणाम देने वाला है। इसे हमें पूर्ण विश्वास के साथ आस्था से भी जोड़ना होगा। माँ गंगा के किनारे दो किलोमीटर के दायरे में औषधीय पौधे लगाने होंगे और गंगा स्नान के समय हर-हर गंगे के साथ हर बल (हर्बल) गंगे कहना होगा। अहिंसा विश्वभारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि ने भी औषधीय पौधों से उपचार को भारतीय परंपरा से जोड़ते हुए इसे बढ़ावा देने की बात कही।
स्वागत भाषण ग्रामीण क्षेत्रीय विकास परिषद् के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने स्वागत भाषण तथा आभार प्रदर्शन सीएसआईआर के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार इंजी. सुरेश्वर दयाल गर्ग ने किया। जबकि मंच का कुशल संचालन संस्कारम् के संस्थापक ईश्वर दयाल द्वारा किया गया। उप राष्ट्रपति माननीय मो. हामिद अंसारी ने इस अवसर पर सीएसआईआर-एनबीआरआई लखनऊ की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में निदेशक डॉ. सीएस नौटियाल द्वारा संपादित स्मारिका स्मारिका का विमोचन किया। उप राष्ट्रपति महोदय ने आयोजक मंडल द्वारा सम्पादित स्मारिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के आयोजन में ग्रामीण क्षेत्रीय विकास परिषद्, सीएसआईआर, भारत विकास परिषद्, आयुष विभाग, आरोग्य भारती, राष्ट्रीय गोधन महासंघ एवं त्यागी महासंघ आदि संस्थाओं की अहम भूमिका रही।