प्रेमबाबू शर्मा
यूं तो भूषण शर्मा के बॉलीवुड का सपना साकार हो चुका है लेकिन अभिनय की चाहत अब भी उनके अंदर जीवित है। यही वजह है कि वे खुशी मोशन पिक्चर्स के माध्यम से फिल्मों का निर्माण भी कर रहे है।
भूषण बताते हैं कि खुशी मोशन पिक्चर्स ने दो फिल्में, ‘प्रणाम वालेकुम’और ‘काउचिंग मनी टाइगर’ का निर्माण है दोनों ही फिल्में आम जीवन से जुडे ज्वलंत मुददों मसलन सामाजिक रूप से प्रासंगिक नाटक, व्यंग्य, हास्य, प्रेम कहानी, कल्पना को सरोकार करता है। दोनों ही फिल्में लोगों को पंसद आएगी ऐसा उनका मानना है। बतौर एक्टर में भी इन फिल्म में काम कर रहा हूँ ।
‘काउचिंग मनी टाइगर’ युवा की ज्वलंत समस्याओं और राजधानी के शहरी और युवा पीढ़ी के तौर तरीकों पर आधारित को रेखांकित करती फिल्म के निर्देशक अक्षय चैबे है।
भूषण शर्मा को एक्टर बनने की चाहत ने निर्माता बना दिया । ग्लैमरस की दुनियां उन्हें हमेशा सपनों-सी लगती थी और इसी सपने के पूरा होने की उम्मीद लेकर उन्होंने करनाल से मुंबई का सफर तय किया।
यूं तो भूषण शर्मा के बॉलीवुड का सपना साकार हो चुका है लेकिन अभिनय की चाहत अब भी उनके अंदर जीवित है। यही वजह है कि वे खुशी मोशन पिक्चर्स के माध्यम से फिल्मों का निर्माण भी कर रहे है।
भूषण बताते हैं कि खुशी मोशन पिक्चर्स ने दो फिल्में, ‘प्रणाम वालेकुम’और ‘काउचिंग मनी टाइगर’ का निर्माण है दोनों ही फिल्में आम जीवन से जुडे ज्वलंत मुददों मसलन सामाजिक रूप से प्रासंगिक नाटक, व्यंग्य, हास्य, प्रेम कहानी, कल्पना को सरोकार करता है। दोनों ही फिल्में लोगों को पंसद आएगी ऐसा उनका मानना है। बतौर एक्टर में भी इन फिल्म में काम कर रहा हूँ ।
‘काउचिंग मनी टाइगर’ युवा की ज्वलंत समस्याओं और राजधानी के शहरी और युवा पीढ़ी के तौर तरीकों पर आधारित को रेखांकित करती फिल्म के निर्देशक अक्षय चैबे है।
भूषण शर्मा बताते है कि ‘ अक्षय चैबे के पास अनेक सीनियर निर्देशक के साथ काम करने का अनुभव बेहतरीन रहा। जो चीजें अब तक सुनी थीं, उन्हें करीब से जानने और समझने का मौका मिला। जैसे यह कि किसी सीन को शूट करने के कितने एंगल हो सकते हैं। या फिर यह कि कलाकारों को इस तरह से कोई सीन समझाओ कि उन्हें पता भी न चले और शॉट शूट हो जाए। ऐसी बारीकियां ही एक बेहतर कल को बुनने में मददगार होती हैं। वैसे फिल्म के सारे कलाकारों ने एक क्रिकेट टीम की तरह काम किया, अब को बस रिजल्ट का इंतजार है।