महेंद्र गुप्ता
बम भी फोड़ते हैं वो, सीना भी तानते हैं वो।
अपनी कायरता दिखाने से नहीं मानते हैं वो।।
रखेंगे हम जब तक बनाकर दामाद उन्हें, चुनौती दिए जाएंगे वो हमें।
हिम्मत तो देखों जरा उनकी, और बम फोड़ने की देते हैं धमकी।।
अब तो लौह इरादों वाली सरकार चाहिए।
दुश्मन को सबक सिखाने वाला वार चाहिए।।
सीमा के पास ही लगते आतंकवादी कैम्प हैं।
उन्हें नेस्तनाबूद करने वाला ‘सरदार‘ चाहिए।।
आतंकवादियों पर प्रहार करने वाली तलवार चाहिए।
वोट बैंक को भूलकर, फांसी देने वाली सरकार चाहिए।।