प्रेमबाबू शर्मा
आज बालीवुड में हालीवुड की टक्कर की फिल्में ही नही बना रही बल्कि अपनी उम्दा तकनीक के चलते उसका नाम आज विश्व के मानचित्र पर है। अत्याधिक आधुनिक तकनीक कैमरे से निर्मित कम बजट की समाजिक परिवारिक फिल्म का नाम है ‘कोई है अपना’ । हाल में ही मे फिल्म की शूटिंग सम्पन्न हुई और जल्द ही दर्शको के बीच होगी। श्री कुंजिका फिल्म्स के बैनर निर्मित इस फिल्म के निर्माण में रेड वन नामक अत्याधुनिक कैमरे का प्रयोग हुआ है। गौरतलब है कि अभी तक इस कैमरे का उपयोग विज्ञापन तथा वृत फिल्मो के निर्माण के लिए किया जाता था । लेकिन पहली बार एक फीचर फिल्म का निर्माण हुआ है।
लगभग छः सौ वीडियों फिल्में व एलबम बनाने वाले युवा निर्देशक राम गोपाल माली ने इस फिल्म का निर्देशक किया है। फिल्म के निर्माता है भरत गिरी । भरत गिरी ने ही फिल्म की कथ पटकथा और संवाद लिखें है।। कोई है अपना एक मसाला मनोरंजक फिल्म है, जिसका तानाबाना परिवारिक कहानी बेंसड है। फिल्म की कहानी का मुख्य किरदार है धरम (धरमगिरी) । वह एक सफल व्यवसायी के अलावा एक सुलझा इंसान है लेकिन कहते है कि जब बुरा वक्त आता है तो अपने भी किनारा कर लेते है। ऐसा ही धरम के साथ होता है। उसका प्रतिद्वंदी और उससे नफरत करने वाला नागराज जो धरम का एक पुराना दुश्मन हैं। नागराज उसकी सफलता को देखकर जलता है और उसका एक ही मकसद है उसकी तबाही। एक दिन वह अपनी चाल में कामयाब भी हो जाता है और अपनी योजना के तहत् उसके ही परिवार के बीच धरम का निरादार ही करता, बल्कि कुछ ऐसे रहस्य भी प्रकट करता है कि उसका अपना परिवार उसके खिलाफ हो जाता है।
इतना सब कुछ होने के बाद भी नागराज, धरम को चैन से जीने नही देता। अब अपनी आगामी योंजना को तैयार करने में जुट जाता है, इस बार उसका साथ देता है धरम का एक और पुराना दुश्मन बनारसी पंडित ( परेश भटट)। बनारसी से धरम की दुश्मन का कारण था उसके बेटे का दुराचारी होना। समाज विरोधी कार्य
करने पर एक बार धरम ने उसे इतना अधिक मारा कि उसकी दशा पागल जैसी हो गयी थी। धरम की प्रेमिका अंजली (नैना) को बनारसी पंडित का बेटा अपना बनाना चाहता था, लेकिन ऐसा नही हो पता एक ओर दुश्मनों की फौज , दुसरी ओर धरम की दीवानी अंजली की बीमारी ने बुरी तरत से तोड दिया था। इस सबके बावजूद धरम जीवन और दुश्मनों जीत के लिए संघर्ष करता है और अंत में उसको लगता है कि ‘कोई है अपना’ वह अकेला नही है। फिल्म में धरमगिरी, नैना, महेश गिरी , परेश भटट , वर्षा चंन्द्रा, अल्ताफ भी है। फिल्म में संगीत दिया है सतीश देहरास ने , और गीत लिखें है हरसुख घायल और महेश गिरी ने। फिल्म की शूटिंग मुंमई के अलावा गुजरात में बडौदा, आनंद, नाडियाड, राजकोट में की गई है। फिल्म में छः गीत है जिन्हें स्वर दिया है – कुमार सानू, सोनू कक्कड और संजीवनी ने। फिल्म के संपादक के.डी. दिलीप, डांस महेश बलराज, फाईट हनीफ शेख का है।
करने पर एक बार धरम ने उसे इतना अधिक मारा कि उसकी दशा पागल जैसी हो गयी थी। धरम की प्रेमिका अंजली (नैना) को बनारसी पंडित का बेटा अपना बनाना चाहता था, लेकिन ऐसा नही हो पता एक ओर दुश्मनों की फौज , दुसरी ओर धरम की दीवानी अंजली की बीमारी ने बुरी तरत से तोड दिया था। इस सबके बावजूद धरम जीवन और दुश्मनों जीत के लिए संघर्ष करता है और अंत में उसको लगता है कि ‘कोई है अपना’ वह अकेला नही है। फिल्म में धरमगिरी, नैना, महेश गिरी , परेश भटट , वर्षा चंन्द्रा, अल्ताफ भी है। फिल्म में संगीत दिया है सतीश देहरास ने , और गीत लिखें है हरसुख घायल और महेश गिरी ने। फिल्म की शूटिंग मुंमई के अलावा गुजरात में बडौदा, आनंद, नाडियाड, राजकोट में की गई है। फिल्म में छः गीत है जिन्हें स्वर दिया है – कुमार सानू, सोनू कक्कड और संजीवनी ने। फिल्म के संपादक के.डी. दिलीप, डांस महेश बलराज, फाईट हनीफ शेख का है।