डाॅ. कीर्ति काले
स्नेह की देवी धरा पर,
नव सृजन का गीत गाकर,
खोलती है जिन्दगी का द्वार |
छाँह ममता की घनेरी
त्याग की तपती दुपहरी
ग्यान का अक्षय अमित भण्डार |
संस्कारों का उजाला
और पहली पाठशाला
दे रही व्यक्तित्व को आकार |
प्रार्थना है अर्चना है,
ये निरन्तर साधना है
है ऋणि तेरा सकल संसार |
माँ समूची सृष्टि का आधार |