प्रेमबाबू शर्मा
अपने अभिनय के दम पर धारावाहिक हिटलर दीदी में जगह बनने वाली रति पांडे इससे पूर्व में स्टार वन पर प्रसारित सीरियल मिले जब हम तुम में नुपूर का किरदार निभा कर शोहरत बटोर चुकी है। शो हिटलर दीदी के किरदार, इंदिरा को लेकर रति का क्या नजरिया है जानते है उनकी ही जुबानी:
आप अपने किरदार के बारे में बताएंगी ?
सीरियल में मैं हिटलर दीदी के किरदार में हूं और मेरे पात्र का नाम इंदिरा शर्मा है जो कि दिल्ली के चांदनी चैक इलाके में पूरे परिवार के साथ रहती है। जीवन में जो चुनौतियां हैं उसने उसे गंभीर कड़वी भाषा बोलने वाली बना दिया है। वह हंसना भूल चुकी है। सपने देखना भूल गयी है। प्यार करना भूल गयी है। उसके कड़क स्वभाव के चलते ही पूरे परिवार ने उसका नाम हिटलर दीदी रख दिया है। उसने खुद ही अपने कंधों पर पूरे परिवार की सारी जिम्मेदारियां उठा रखी हैं। वह अपने करियर को लेकर बहुत ही सचेत है। घर और ऑफिस दोनों जगह उसके जीवन में चुनौतियां हैं
क्या इस चरित्र को निभाने के लिए आपने कहीं से कोई प्रेरणा ली है?
न्ही, लेकिन हमारे समाज में इस तरह के तमाम चरित्र आपको देखने को मिल जाएंगे जिनके चेहरे पर कभी मुस्कुराहट नहीं आती। लेकिन मेरा पात्र किसी एक चरित्र से प्रभावित नहीं है। मुझे ऐसा कोई चरित्र नहीं मिला जो पूरे दिन में कभी भी न हंसता हो।
इस किरदार से जुडने की कोई खास वजह ?
इंदिरा जैसा नारी के प्रतिनिधित्व करने वाला यह किरदार पहली बार परदे पर आ रहा है और वह भी टीवी पर। अब तक टीवी पर इस तरह के पुरुष पात्र ही आते रहे है, पर नारी पात्र कभी नहीं आए। वैसे भी टीवी पर नारी के किरदार को कमजोर याानि हमेशा अबला, बेचारी या रोते हुए ही दिखायी गयी है या एक नारी दूसरी नारी पात्रों के खिलाफ षड़यंत्र करती नजर आयी है। पर इंदिरा के पात्र इस सब की लीक से हटकर है बहुरंगीय किरदार है।
शो की तरह रियल लाईफ में भी आपका बड़ा भाई है ?
निजी जीवन में मेरे बड़े व एक छोटा भाई है, पर मेरे भाई स्थापित बिजनेस मैन हैं।
इंदिरा शर्मा को पुरुषों से नफरत की कोई खासं है?
इंदिरा को पुरुष पसंद नहीं, जिसकी अपनी वजहें हैंए जो कि आगे कुछ एपीसोडों के बाद बताया जाएगा। मैं भी अभी इस वजह को नहीं जानती, लेकिन वह अपने भाई से नफरत नहीं करती जबकि उसका भाई कमाता नहीं है। वह अपने भाई की भी मदद करती है। वह अपने भाई व उसके परिवार को भी भोजन दे रही है, इसलिए इंदिरा का भाई भी इंदिरा के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता।
क्या इसमें आप दिल्ली के लहजे में बात करती नजर आएंगी?
यह सीरियल पूरी तरह से पुरानी दिल्ली की पृष्ठभूमि पर है और दिल्ली में ही फिल्माया जा रहा है। पर इंदिरा शर्मा दिल्ली के लहजे वाली बोली कम बोलती है क्योंकि उसका जो चरित्र है, उसके साथ यह भाषा फिट नहीं बैठती।
फिल्मों के बारे में क्या सोचा है?
फिल्मों के लिए अपने आपको ग्रूम करने के लिए मेरे पास समय नहीं है। इसलिए मैंने फिल्में नहीं की। फिल्म में हीरोइन बनने से पहले खुद को हीरोइन के अनुरूप ढालना पड़ेगा। उसके लिए काफी समय चाहिए। इसी बीच मुझे टीवी पर अच्छा प्रस्ताव आ गया, तो मैंने कर लिया।