दिनांक 17 मई 2012, नई दिल्ली, संसद में भोजपुरिया सांसदों ने एकजुट होकर भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर लोकसभा में जोरदार आवाज उठाई। लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के अंतर्गत सांसद सर्वश्री उमाशंकर सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदम्बिका पाल, शत्रुध्न सिन्हा, शैलेन्द्र कुमार, नीरज शेखर, महाबल मिश्रा व कई अन्य सांसदों ने सरकार से मांग की कि भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए क्या समय सीमा है? सरकार की ओर से जबाब देते हुए गृह मंत्री श्री पी. चिदम्बरम ने भोजपुरी भाषा का सम्मान करते हुए भोजपुरी में यह बोल कर ‘‘हम रउआ सब के भावना समझतानी’’ भोजपुरिया सांसदों का अभिवादन किया एवं आश्वासन दिया कि संसद के आगामी मानसून सत्र में बिल लाकर इस प्रस्ताव को पास करने की पूरी कोशिश करेंगे।
भोजपुरी भाषा के विकास और उसके संवैधानिक अधिकारों को लेकर विगत कई वर्षों से दिल्ली में विश्व भोजपुरी सम्मेलन के आयोजन के माध्यम से पूर्वांचल जनमानस की आवाज बनकर उद्घोष करने वाली संस्था ‘पूर्वांचल एकता मंच’ के अध्यक्ष श्री शिवजी सिंह एवं संयोजक श्री मुकेश कुमार सिंह ने संसद में उठाई गई इस मांग पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भोजपुरिया व अन्य सांसदों समेत सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया।