लोमस झा
दिल्ली की गर्मी का क्या कहना… उफ! यह गर्मी… दिल्ली के साथ-साथ इसके आसपास के इलाकों में भी तपती गर्मी का पारा लोगों के रहन-सहन पर ख़ासा असर डाल रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों की माने तो इस वर्ष मानसून के आने में थोड़ी देर हो सकती है। अनुमान यह है कि पारा 35 से 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है। आने वाले समय में यह पारा इससे भी अधिक बढ़ सकता है यानी की केवल पसीना ही पसीना!
त्वचा रोग विशेषज्ञों का यह मानना है कि गर्मी के मौसम में अधिकतर जीवाणु और विषाणु पसीने से होने वाली नमी के कारण त्वचा पर ही पनपते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विशेषों की मानें तो गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी से डी-हाइड्रेशन होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
खाना खाने के बाद तरबूज का रस पीने से भोजन जल्द ही पच जाता है। इससे नींद भी अच्छी आती है। इसके रस से लू लगने का अंदेशा भी नहीं रहता।
मोटापा कम करने वालों के लिए यह उत्तम आहार है।
पोलियो के रोगियों को तरबूज का सेवन करना बहुत लाभकारी रहता है, क्योंकि यह खून को बढ़ाता है और उसे साफ भी करता है। त्वचा रोगों के लिए यह फायदेमंद है।
तपती गर्मी में जब सिरदर्द होने लगे तो, तरबूज के आधा गिलास रस को पानी में मिलाकर पीना चाहिए।
पेशाब में जलन हो तो, ओस या बर्फ में रखे हुए तरबूज का रस निकालकर सुबह शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है।
गर्मी में नित्य तरबूज का ठंडा-ठंडा शरबत पीने से शरीर को ठण्डक तो मिलती ही है। साथ ही चेहरे पर चमक आ जाती है। इसके लाल गूदेदार हिस्से को हाथ, पैर, गर्दन और चेहरे पर रगड़ने से सौंदर्य निखरता है।
सूखी खाँसी में तरबूज खाने से खाँसी का बार-बार आना बंद होता है।
तरबूज की फाँकों पर काली मिर्च पाउडर, सेंधा या काला नमक छिड़ककर खाने से खट्टी डकारें बंद होती हैं।