बुजुर्गों की संस्था “सुख दुख के साथी” ने रविवार को साथी श्री कृष्णदत्त कौशल का चोहत्तरवां और श्री सतीश धवन का बासठवां जन्मदिन बड़े गरिमापूर्ण ढंग से मनाया| इस अवसर पर अन्य सभी की बधाइयां और मनोरंजन के अतिरिक्त संस्था के संयुक्त सचिव एवं कवि श्री प्रेम बिहारी मिश्र एवं उनकी पत्नी श्रीमती सुलेखा मिश्र ने श्री मिश्र द्वारा रचित बड़ी सटीक और सारगर्भित कविताओं का पाठ किया जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया|
संस्था के समन्वयक श्री दिनेश चंद माथुर ने बताया की यह संस्था आरम्भ से ही अपने सदस्यों का जन्मदिन मनाती चली आ रही है और पिछले ढाई वर्षों में हर सदस्य के जन्मदिन पर श्री मिश्र द्वारा रचित एक नई कविता का पाठ किया जाता है| यहां तक कि श्री मिश्र जब दिल्ली या देश से बाहर होते हैं तब भी वे हर सदस्य के जन्मदिन पर एक नई स्वरचित कविता संस्था को प्रेषित करना नहीं भूलते| प्रस्तुत हैं इस अवसर पर पढ़ी गईं श्री मिश्र द्वारा रचित कवितायेँ :
Smt Sulekha Mishra presenting
b’day poem to Sh Kaushal
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श्री कृष्ण दत्त कौशल
जब तक रहे चमक तारों में, जिएं हमारे कौशल जी
निशि दिन ही प्रेम का प्याला,पिएं हमारे कौशल जी
ममता की है मय यहां पर, संस्था मेरी मयखाना
मदिरा जिसमेंभरी प्रेमकी, विशाल हृदय है पैमाना
जाम पे जाम चढ़ाएं आएं, झूम झूम कर नाचें गाएं
श्री कौशल का जन्म दिन,धूम धाम से आज मनाएं
पीकर फिर साक़ी बन जाएं, पीने वाला हो बस एक
कौशल जी को आज पिलाएं,भर२ प्याला अपना नेह
ये कौशलजी का कौशल है,हमको लगते सबसे प्यारे
पुण्यकार्यमेंसदाअग्रसर,शान्तचित्त औ’सबसे न्यारे
संयम,शील,संयतविचार,कभी न करते वाद विवाद
जनसेवाकोहरक्षण तत्पर, सौम्य, सरल, सुखदसंवाद
अभिनंदन कौशलजीका,आज करें हम मिलकर सारे
हो लम्बी आयु स्वस्थ शरीर, मांगें सूरज,चाँद,सितारे
ये स्वस्थ रहें और तृप्त रहें, औ’ जिएँ हजारों साल
पूरे जग में आदर पाएं,परिवार प्यार की रहे मिसाल
निशि दिन ही प्रेम का प्याला,पिएं हमारे कौशल जी
ममता की है मय यहां पर, संस्था मेरी मयखाना
मदिरा जिसमेंभरी प्रेमकी, विशाल हृदय है पैमाना
जाम पे जाम चढ़ाएं आएं, झूम झूम कर नाचें गाएं
श्री कौशल का जन्म दिन,धूम धाम से आज मनाएं
पीकर फिर साक़ी बन जाएं, पीने वाला हो बस एक
कौशल जी को आज पिलाएं,भर२ प्याला अपना नेह
ये कौशलजी का कौशल है,हमको लगते सबसे प्यारे
पुण्यकार्यमेंसदाअग्रसर,शान्तचित्त औ’सबसे न्यारे
संयम,शील,संयतविचार,कभी न करते वाद विवाद
जनसेवाकोहरक्षण तत्पर, सौम्य, सरल, सुखदसंवाद
अभिनंदन कौशलजीका,आज करें हम मिलकर सारे
हो लम्बी आयु स्वस्थ शरीर, मांगें सूरज,चाँद,सितारे
ये स्वस्थ रहें और तृप्त रहें, औ’ जिएँ हजारों साल
पूरे जग में आदर पाएं,परिवार प्यार की रहे मिसाल
श्री सतीश धवन
Sh Prem Bihari Mishra presenting
b’day poem to Sh Satish Dhawan
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मित्र हमारे सतीश धवन जी, कभी २ तो आते हैं
लेकिन जब जब आते है, वो आते ही छा जाते हैं
आज उन्हीं का जन्मदिवस है, देखो रौनक छाई है
जन्मदिवस हो उन्हें मुबारक़, लाखों लाख बधाई है
राजधानी में लिया जन्म, और राजा जैसे ठाट रहे
सुखदुख के सब साथी चाहें, सदा सदा ये बात रहे
संचार विभाग में करके सेवा, अच्छा नाम कमाया
जब २ हमें पडी ज़रूरत, ये भाई हमारे काम आया
ये जिएँ हजारों साल,इनका ऐसा ही उंचा काम रहे
हमसब मिलकर करें कामना,जग में ऊँचा नाम रहे
संचारविभाग से छूट गए,अब घर में सुखसंचार रहे
इक दूजे का आदर हो, आपस में पूरा प्यार रहे
स्वस्थ रहें सब सुखी रहें,और उम्र आपकी बनी रहे
धन धान्य भण्डार भरा हो,सदा दिवाली मनी रहे
लेकिन जब जब आते है, वो आते ही छा जाते हैं
आज उन्हीं का जन्मदिवस है, देखो रौनक छाई है
जन्मदिवस हो उन्हें मुबारक़, लाखों लाख बधाई है
राजधानी में लिया जन्म, और राजा जैसे ठाट रहे
सुखदुख के सब साथी चाहें, सदा सदा ये बात रहे
संचार विभाग में करके सेवा, अच्छा नाम कमाया
जब २ हमें पडी ज़रूरत, ये भाई हमारे काम आया
ये जिएँ हजारों साल,इनका ऐसा ही उंचा काम रहे
हमसब मिलकर करें कामना,जग में ऊँचा नाम रहे
संचारविभाग से छूट गए,अब घर में सुखसंचार रहे
इक दूजे का आदर हो, आपस में पूरा प्यार रहे
स्वस्थ रहें सब सुखी रहें,और उम्र आपकी बनी रहे
धन धान्य भण्डार भरा हो,सदा दिवाली मनी रहे