कोई भी बन सकता है स्टाइलिश: स्याली भगत

प्रेमबाबू शर्मा 


यारियां ,घोस्ट, द ट्रेन, हल्ला बोल, गुडलक, पेइंग गेस्ट, राजधानी एक्सप्रेस, और चालू मूवी जैसी अनेकों फिल्मों में अभिनय करने वाली एक्ट्रेस सयाली भगत मानती है कि कलाकार का सघर्ष कभी खत्म नही होता । इसमें दोराय नही कि सियाली को काम हमेशा मिलता रहा, लेकिन उन्हे खास पहचान नहीं मिल पाई। बीते दिनों सियाली गैलेक्सीज प्रोडक्शनस द्वारा आयोजित होने वाले एक कॉन्टेस्ट स्टाइलिश दीवा के एक कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित थीं। इसके अलावा सियाली भगत इन दिनों फिल्म ‘होम स्टे अलाइव’ में भी काम कर रही है। हाल में उनसे उनके करियर को लेकर हुई पेश है बातचीत के अंश

आप ‘होम स्टे’ फिल्म जुडी है इसके बारे में कुछ बताएं ?
यह एक ऐसी लडकी कहानी है,जिसके साथ चैबीस घंटों के दौरान क्या-क्या हादसे पेश आते हैं । यह एक थ्रिलर सस्पेंस फिल्म है। इस फिल्म में हॉरर एलिमेंट्स भी हैं। 

फिल्म में आपका किरदार क्या है ?
फिल्म में मैंने अक्षरा नामक एक टीवी एंकर के रोल को निभाया है, जो टीवी एंकर होने की वजह से यह लड़की इतनी क्यूरियस है। फिल्म में मेरे आपोजिट अष्मित पटेल भी है। जो एक पुलिस ऑफिसर है। 

लेकिन पहले भी इससे मिलते कथानक पर भी आप फिल्म कर चुकी हैं?
हाॅ, आप घोस्ट की बात कर रहे हैं तो वह एक अलग तरह की फिल्म थी। उसे आप एक कैरिकेचर फिल्म कह सकते हैं। लेकिन यह एक पैरानॉर्मल फिल्म है। मेरा मानना है कि ‘भूत’ के बाद अभी तक इस जॉनर की अच्छी फिल्म नहीं आई है ।

दर्जनों फिल्में करने के बाद भी बतौर अभिनेत्री आपको जो पहचान मिलनी चाहिये,लेकिन नही मिल पायी।
बतौर कलाकार मैं अच्छा काम करने में विश्वास करती हॅू। वही मैने किया। रही बात पहचान की,आज भी मेरे पास फिल्मों के आफर है और वैसे मेरी हर साल एक दो हिन्दी फिल्म तो रिलीज हो ही रही हैं।

आपको ऐसा नही लगता कि किसी कलाकर फिल्म हिट हो जाती है तो आपको दूसरी जगह से भी अच्छा रिस्पांस मिलना शुरू हो जाता है आपको शोज और इवेंट्स मिलने लगते हैं?
आपका कहना सच है, लेकिन फिल्म हिट का कोई पैमाना भी नही है। फिल्मोघोग में न तो मेरा कोई यहां गॉड फादर रहा और न ही कोई बैक। इसलिये जीवन यापन के लिए मेरे जैसे कलाकारों का काम करते रहना जरूरी होता है। रही शोज और इवेंट्स की, वह मैं कर ही रही हॅू। हाल में स्टालिस वीवा इवेंट से बतौर जज जुडी हॅू। 
बालीवुड के अलावा दूसरी भाषा की फिल्में का आफर मिले तो करोगी ?
डेफिनेटली। आज मैं पंजाबी और कन्नड़ फिल्मों में हाईपेड एक्ट्रेस हूं। लेकिन मुझे अपनी मातृभाषा की फिल्म में काम नहीं मिला। इस बात को लेकर मुझे हैरानी भी है कि अभी तक किसी मराठी डायरेक्टर का मेरी तरफ ध्यान क्यों नहीं गया। इसका मुझे दुख भी है। लेकिन और मुझे महाराष्ट्रीयन होने पर गर्व है।

स्टालिस वीवा से कैसे जुडी ?
स्टालिस वीवा के तरूण माथुर ने मुझे गलैक्सीज से जुडनें का आफर दिया और उसके बारे में जानकारी दी तो यह अच्छा आफर लगा और मैं चाह कर भी इंकार नही कर पायी। स्टालिस वीवा कलाकारों और माॅडलों को एक मंच देने के लिए बना है, जिसके माध्यम से पूरे देश में शोज और इवेंट्स किये जाएगें। 

स्टाइलिस बनने के लिए क्या जरूरी हैं ?
स्टाइलिश कोई भी बन सकता है परन्तु उसके लिए एक जुनून, जज्बा व कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। 

मिस इंडिया ब्यूटी कान्टेस्ट के समय उन्हें कौन सा राउंड ज्यादा मुश्किल लगा?
राउंड तो सारे ही मुश्किल थे परन्तु मैंने बहुत ही पैसन्ट होकर उनका जवाब दिया।