इंसान की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती। वो चाहे कला या संगीत से जुड़े लोग ही क्यों न हों। बुलंदियां छूने के बाद भी ‘डिजायर्स’ बाकी रह जाती हैं, जिसके लिए संघर्ष चलता रहता है। करीब आठ सौ फिल्मी गीतों के रचयिता, संगीतकार व निर्माता प्रवीण भारद्वाज ने 2002 से लेकर 2008 तक अर्श पर रहने का दौर देखा। बतौर गीतकार सौ से ज्यादा फिल्मों से जुड़े रहे और लगभग तीस फिल्मों का म्यूजि़क कंपोज़ कर चुके प्रवीण ने करोड़ों श्रोताओं को संगीत की रूहानी खुशबू से जोड़े रखा, पर अचानक परिदृष्य बदला और इन बदले हालातों में कुछ नए गीतकार उभरते चले आए। हालांकि ऐसा भी नहीं था कि प्रवीण की कलम थम गई हो। कलम चलती रही, पर वक्त के साथ-साथ उन्होंने भी दिशा बदली और संगीतकार के रूप में खुद को ढालते-ढालते निर्माता भी बन गए।
बदलाव के इस दौर में कुछ अनोखे काम भी सामने निकलकर आते हैं। प्रवीण भारद्वाज ने सोचा भी नहीं था कि उनकी प्रोफेशनल लाइफ में कुछ अनोखा होने जा रहा है। अचानक एक लहर आई और प्रवीण का हुनर सीमाओं के दायरे तोड़ता हुआ दुनिया भर में पहुंच गया। इसे प्रवीण का सांगीतिक जौहर भी कह सकते हैं, जो अनायास ही हो गया। आज उनका एक रोमांटिक गीत ‘डिजायर्स-मौहब्बत में क्या मिलेगा’ म्यूजि़क रेटिंग चार्ट में नंबर वन पर आ गया है। सिर्फ तीन दिनों में इस गीत ने विश्व के करोड़ों श्रोताओं को दिखा दिया कि जब दिल से जुड़े शब्द संगीत की महक लेते हुए कानों तक पहुंचते हैं, तो ऐसा सुकून मिलता है, मानों नायाब चीज़ हासिल हो गई हो।