चन्द्रकांत शर्मा
हाल ही में जैकी श्राॅफ अपनी फिल्म ‘लाइफ इज गुड’ देखने के बाद इस कदर इमोशनल हो गये कि उनसे बात तक नहीं की जा रही थी। इसलिये वे फिल्म देखकर ज्यादा बात न करते हुये थियेटर से जल्दी चले भी गये। दरअसल निर्माता आनंद शुक्ला ने अपनी फिल्म ‘लाइफ इज गुड’ का एक फस्र्ट ट्रायल शो वर्ली स्थित नेहरू सेंटर में फिल्म की कास्ट एंड क्रू के लिये रखा। फिल्म देखते हुये जैकी इतने इमोशनल हो गये कि उन्हें फिल्म में इस कदर इन्वाल्व देख फिल्म का मध्यातंर भी नही किया। फिल्म खत्म होने के बाद कितनी ही देर तक जैकी चुपचाप खड़े रहे। उसके बाद उनके मुंह से निकला क्या फिल्म बनाई है बाप! यकीन नहीं होता।
इस फिल्म के निर्देशक हैं अंनत महादेवन। लेखक सुजीत सेन द्धारा लिखित कहानी जो एक हद तक उनकी अपनी कहानी पर बनी ये फिल्म एक अधेड़ शख्स और छह साल की बच्ची की दोस्ती से शुरू होती है। अगर कहानी को वन लाइन में कहा जाए तो एक शख्स अपनी मां से इतना प्यार करता है कि इस डर से वो शादी तक नहीं करता कि कहीं कोई उसकी मां से उसे अलग ने कर दे। एक दिन मां मर जाती है तो मां के वियोग में वो भी आत्महत्या करना चाहता है। लेकिन उसे एक छह साल की बच्ची मरने से तो बचाती ही है, साथ ही उसे जिन्दगी जीने के मायने भी सिखाती है। उस अधेड़ शख्स की भूमिका जैकी श्राफ ने निभाई है तथा छह साल से बीस साल तक भूमिकायें क्रमशः सानिया और अंकिता ने निभाई है। फिल्म में मौसी की भूमिका में सुनीता है तथा छोटी-छोटी भूमिकाओं में मोहन कपूर तथा दर्शन जरीवाला ने बहुत ही प्रभावशाली काम किया है। जहां तक जैकी की बात की जाए तो उनके करियर की यह बेस्ट फिल्म साबित होने वाली है। शायद इसीलिये जैकी अपना ही काम देखकर स्तब्ध थे। फिल्म के पहले ही ट्रायल में आर्टिस्टों और फिल्म देखने आये महमानो के जबरदस्त रिस्पांस को देखकर निर्माता आनंद शुक्ला गदगद है। वैसे भी आनंद तथा अनंत महादेवन यथार्थवादी सिनेमा को बढ़ावा देने के लिये ऐसी फिल्म बनाने के लिये प्रशंसा के पात्र है। ‘लाइफ इज गुड’ जल्दी ही सिनेमाघरों में दिखाई देगी।