सदियों से शाही परिवार के लोग आलीशान गाडिय़ों, ऊंचे दर्जे के डिजाइनर परिधान, आकर्षक गहनों और सभी शानदार चीजों के शौकीन रहे हैं। अपनी खूबसूरती और स्टाइल के लिए मशहूर उनकी जीवनशैलियों ने सारी दुनिया को आकर्षित किया है। 1940 में भारत के शाही परिवारों की शानदार जीवनशैली, उनकी प्रेरणा, उम्मीदों, अरमानों और असुरक्षाओं के साथ-साथ कुछ गहरे राज की पृष्ठभूमि पर आधारित ज़ी टीवी के आगामी प्राइमटाइम ड्रामा ‘एक था राजा एक थी रानी’ के कलाकार हाल ही में गुड़गांव स्थित एक पांच सितारा होटल में मीडिया से रू—ब—रू हुए। यह शो प्यार की एक क्लासिक कहानी है, जिसमें राजमहलों की चारदीवारी के पीछे की दुनिया का चित्रण है। यह भारतीय इतिहास के उस दौर की कहानी है जो इससे पहले भारतीय टेलीविजन पर कभी नहीं दिखाई गई।
शो के प्रोड्यूसर स्फीयर ओरिजिन्स और निलांजन पुरकायस्थ दर्शकों को 1940 के समय में ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। निर्माण मूल्यों और गहन रिसर्च के साथ-साथ शो से जुड़ी हर बात पर बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है। आजादी से पहले के दौर को साकार करने में सेट पर मौजूद टीम, कॉस्ट्यूम डिजाइनर्स, इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स के साथ 500 से ज्यादा कर्मचारी जुटे हुए हैं, जो उस दौर का माहौल तैयार करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। शो के लिए मुंबई के बाहर तैयार किया गया शानदार महल भारतीय टेलीविजन के इतिहास में अब तक का सबसे महंगा सेट है। इस महल के सामने का हिस्सा मशहूर बड़ौदा पैलेस से प्रेरित है। यह किसी टीवी शो का एकमात्र वॉटरप्रूफ सेट है। जबरदस्त खूबसूरती, उत्कृष्टता और भव्यता लिए यह महल, गहने और परिधान उन शाही परिवारों को समर्पित हैं जिन्होंने बेहद शानदार जीवन जिया है। 2.5 टन से ज्यादा वजनी कारपेट्स, झूमर, बेशकीमती वस्तुएं और विंटेज कारें विशेष तौर पर मंगाई गई हैं। उस समय चलन में रहने वाली डिजाइनों की प्रतिकृति तैयार करने के लिए लकड़ी के सामानों पर नक्काशी की जा रही है। कलाकारों के गहनों और शाही पोशाकों को विश्वसनीय बनाने के लिए इन्हें उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से मंगाया गया है। कलाकारों को घुड़सवारी, पोलो के साथ-साथ उस दौर के हाव-भाव और बोली में प्रशिक्षित करने के लिए सेट पर कोच और ट्रेनर्स बुलवाए गए हैं। शो के सदस्य दल और कलाकारों ने राजस्थान के महलों में भी काफी शूटिंग की है।
शो के प्रोड्यूसर स्फीयर ओरिजिन्स के संजॉय और कोमल वाधवा बताते हैं, ‘इस शो का मूल उद्देश्य है इतिहास के उस स्वर्णिम दौर में लौटकर उससे प्रेरित होना और एक ऐसा टाइमलेस मास्टरपीस तैयार करना, जो दर्शकों का मनोरंजन करे और उन्हें मोहित कर ले। इसमें सबसे मुश्किल काम है आजादी से पहले के दौर के साथ-साथ राजशासित राज्यों के राजाओं और रानियों की शानदार जीवनशैली का चित्रण करना। उस दौर को विश्वसनीय ढंग से प्रस्तुत करने के लिए गहन रिसर्च की गई है। इस शो में हमारे साथ कुछ बेहद प्रभावी कलाकार हैं जो अपने किरदारों में बड़ी खूबसूरती से रम गए हैं। यह शो निश्चित रूप से नए आयाम स्थापित करेगा और हमें उम्मीद है कि यह इस साल का सबसे बड़ा फिक्शन लॉन्च होगा।’