प्रेमबाबू शर्मा
जब फिल्म ‘बडे मियां छोटे मियां ’रीलिज होने वाली थी तब एक पत्रकारवार्ता में निर्देशक डेविड धवन ने कहा था कि ‘मेरी फिल्म को दिमाग लगाने की अपेक्षा उसमें मौजूद एंटरटेनमेंट देखिये।’ यह बात सच भी है, फिल्म को मनोरंजन की तरह से देखना चाहिए है। इस सप्ताह रीलिज फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ में कई खमियां है,और कई फिल्मों से कहानी भी मारी है,इसके बावजूद फिल्म में एंटरटेनमेंट है।
यह फिल्म दिल्ली के निकट साहिबाबाद (यूपी ) नवनिर्मित एक माल यूरो पार्क स्थित एक सिनेमा हाल में ‘कार्निवल’ की शुरुआत फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ की स्क्रीनिंग के साथ हुई। सिनेमाघर आधुनिक तकनिक से निर्मित पूर्णतः आरामदेह है।
फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ फिल्म कहानी ना जाकर इसे हास्यपूर्ण मसाला से भरपूर फिल्म कहा जा सकता है। फिल्म की कहानी में शायद ही कोई सीन ऐसा हो, जिसमें एंटरटेनमेंट न हो। निर्देशक साजिद-फरहाद की पहली फिल्म होने के बावजूद सभी कलाकारों से बेहतरीन काम लेकर, हर सीन को काॅमिक करने की कोशिश की है।
संगीतः ‘जाॅनी-जाॅनी’ पहले से ही लोकप्रिय है, सचिन-जिगर गजब का संगीत दिया है। निर्देशकः साजिद-फरहाद का कसा निर्देशन है। फिल्म को देखने के बाद अहसास ही नही होता कि यह उनकी पहली फिल्म है।