डॉ. कीर्ति काले
टूटी नैया तेज है धार
मुश्किल में है ये संसार
हरने सारे जग की पीर
फिर आ जाओ महावीर |
हिंसा की लपटों के बीच घिरी मानवता रोती
फिर मानवता रोती,
अत्याचार सहन कर धरती अपना धीरज खोती,
अपना धीरज खोती,
देने आओ शान्ति सन्देश,
स्वच्छ करो दूषित परिवेषों,
बदले मानव की तकदीर |
फिर आ जाओ महावीर |
निर्ममता देखो पशुओं को मार – मारकर खाएं,
मार – मारकर खाएं,
नियम यही है जैसा खाएं वैसे ही बन जाएं,
वैसे ही बन जाएं |
अब से छोड़ो मॉंसाहार,
और अपना लो शाकाहार ,
तन मन कर लो निर्मल नीर |
फिर आ जाओ महावीर |
णमोकार एक महामंत्र है जिसने भी अपनाया,
जिसने भी अपनाया |
अपने जीवन में उसने अद्भुत परिवर्तन पाया,
अद्भुत परिवर्तन पाया।
जिओ और जीने दो भाई,
छोड़ो धन की पाप कमाई
जोड़ो पुण्यों की जागीर |
फिर आ जाओ महावीर |