डॉक्टर किर्ति काले
(राष्ट्रीय कवियत्री)
माँ समूची सृष्टि का आधार
स्नेह की देवी धरा पर
सृजन का गीत गाकर
खोलती है ज़िंदगी का द्वार
माँ समूची सृष्टि का आधार
प्रार्थना है छाँव ममता की घनेरी, प्यार की आभा
सुनहरी त्याग का अक्षय अमित भण्डार
माँ समूची सृष्टि का आधार
वेद की पावन ऋचा है
साधना है अर्चना है
है ऋणी तेरा सकल संसार
माँ समूची सृष्टि का आधार