शेषाद्रिपुरम महाविद्यालय में 25 सितंबर 2017 को महाविद्यालयीन राष्ट्रीय हिंदी काव्य संगोष्ठी का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद संस्थान के विद्यार्थीयो ने माँ सरस्वती की वन्दना के साथ भाषा गीत प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि के रुप में मूल निवासी गाजीपुर उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी गणमान्य अतिथि के रुप में श्री जनार्दन पांडेय प्रचंड फैजाबाद उ.प्र. श्री रघुवीर अग्रवाल जी बंधु हिसार हरियाणा श्री नंद सारस्वत जी जयपुर राजस्थान प्रो लता चौहान खंडवा मध्य प्रदेश डॉ कविता पनिया उदयपुरा मध्य प्रदेश डॉ अनिता कपूर मैसूर श्री ज्ञानेंद्र मिश्रा ज्ञान उत्तर प्रदेश उपस्थित थे । कर्म से इंजीनियर व्यवसायी और प्राध्यापक है और मर्म से कवि। उद्घाटन सत्र में उद्घाटन भाषण मुख्य अतिथि द्वारा शुभकामना संदेश महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनुराधा रॉय द्वारा और आभार प्रदर्शन बीकॉम तृतीय के गौतम टी द्वारा किया गया इस काव्य संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यकारों, विचारकों, प्रवक्ताओ एवं रचनाकारों द्वारा सहभागिता की गयी।
इस संगोष्ठी की आधार भूमिका हिन्दी विभाग की अध्यक्षा डॉ. उर्मिला पोरवाल (सेठिया) के द्वारा तैयार की गयी। । सर्वप्रथम अपने बीज वक्तव्य में तिख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार मर्मज्ञ जी ने हिंदीकी स्थिति केविषय पर गंभीर विचार-विमर्श करने एवं काव्यय संगोष्ठी आयोजित करने के लिए शेषाद्रि पुरम महाविद्यालय के प्रयास की सराहना की और कहा कि हिंदी को दक्षिण भारत में स्तरीय बनाने के लिए हमें बहुआयामी प्रयास करने होंगे।
हिंदी के प्रचार-प्रसार की चुनौतिया व संभावनाएँ पर अपना काव्य प्रस्तुत किया और हिंदी विभाग को हिंदी दिवस केे उपलक्ष्य पर संगोष्ठी आयोजित करने के लिए बधाई दी और कहा कि यह विषय बहुत ही प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण है। मर्मज्ञ जी ने हिन्दी के स्तरीकरण के लिए सुझाव भी दिये ।
संगोष्ठी में सभी अतिथि कवियों ने अपनेविचार समाज राष्ट्र और भाषा पर कविता पाठ कर व्यक्त किए
संगोष्ठी में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य नेअपने अध्यक्षीय भाषण में मंच और सभागार में उपस्थित अतिथियों को संबोधित किया। और हिंदी विद्यार्थियों द्वारा अपनी सहभागिता और उत्साहवर्धक सहयोग के लिए शुभकामनाएं प्रधान की और उनकी प्रशंसा की. कार्यक्रम का संचालन संगोष्ठी की संयोजिका डॉ उर्मिला पोरवाल और छात्रा रितु और नाजिरा बीकॉम द्वितीय द्वारा किया गया। और अंत में आभार प्रदर्शन प्रो पोरवाल और छात्र अनीश बी बी ए द्वितीय ने किया।और राष्ट्रीय काव्य संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान कर किया गया।