कोरोना योद्धा बने पत्रकारों को अविलंब आर्थिक सहायता दे दिल्ली सरकार : के पी मलिक

अशोक कुमार निर्भय

दिल्ली पत्रकार संघ (रजि.).ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर कोरोना महामारी में भी रिपर्टिंग करने वाले पत्रकारों के लिए आर्थिक सहायता देने व बीमा योजना अथवा 1 करोड़ राशि सहायता योजना में शामिल करने की मांग की है। ज्ञात हो कि दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन जो नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) से संबद्ध है इसलिए यह मांग करना उनका नैतिक कर्तव्य बन जाता है।  

दिल्ली पत्रकार संघ के महासचिव के पी मलिक ने बताया की उन्होंने वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष राकेश थपलियाल व कोषाध्यक्ष नरेश गुप्ता के विचार विमर्श करके ही यह पत्र लिखा है। संयुक्त रूप से इस आशय की जानकारी देते हुए डीजेए के अध्यक्ष राकेश थपलियाल, महासचिव के पी मलिक व कोषाध्यक्ष नरेश गुप्ता ने बताया कि हमने यह कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट झेल रहे पत्रकारों व वेतन नहीं मिलने अथवा छटनी के कारण सरकार के अनुरोध के बावजूद मीडिया हाउसों से निकाले गए पत्रकार साथियों की तुरंत सहायता देने के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया की दिल्ली पत्रकार संघ अपने स्तर पर कुछ पत्रकारों को राशन अथवा आर्थिक मदद दे रहा है किन्तु समस्या बड़ी विकराल है और संसाधन सिमित हैं ऐसे में सभी जरूरतमंद पत्रकारों सहायता पहुँचाना संभव नहीं है।  उन्होंने मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाते हुए पत्र में कहा कि आपकी सरकार की तरफ से डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के लिए कोरोना महामारी के प्रकोप में जान जाने पर एक करोड़ रुप देने की घोषणा की गई है। इस हालत में जान गंवाने वाले पत्रकारों के लिए भी इसी तरह की मदद घोषित की जाए। आपसे अनुरोध है कि आर्थिक तौर पर कमजोर पत्रकारों को राहत देने के लिए  25 -30 हजार रुपये प्रति परिवार सहायता देने की घोषणा की जाए।

वहीँ कोरोना योद्धा बनाकर सरकार और जनता के बीच संवाद का जनसेतु बनकर जागरूकता फ़ैलाने वाले पत्रकारों को बीमा योजना और 1 करोड़ की सहायता योजना में शामिल किया जाए।  उन्होंने पत्र में ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि  “कोरोना संकट के इस दौर में कई मीडिया हाउसों ने हमारे पत्रकार साथियों को वेतन नहीं दिया अथवा नौकरी से आर्थिक संकट के चलते निकाल दिया ऐसे सैंकड़ों पत्रकारों के सामने आज रोज़ी और रोटी दोनों का संघर्ष सामने आ गया है। अब दिल्ली सरकार ही मदद कर सकती है जैसे अन्य राज्य सरकारें मदद दे रही हैं।