*द्वारका काव्य मंच एवं दिल्ली साहित्य समाज के संयुक्त तत्वावधान में द्वारका सेक्टर 14 स्थित वाटिका में साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें द्वारका के ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय कवि श्री रमेश गंगेले को उनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होने पर सम्मानित किया गया। उन्होंने हाल ही में गर्वित कैंपस दादरी, नोएडा ( उत्तर प्रदेश ) में लगातार 101 घंटे 21 मिनट तक चलने वाले ‘मैराथन मुशायरा एवं कवि सम्मलेन विद नदीम फार्रुख’ में अपना ओजस्वी कविता पाठ प्रस्तुत किया ।
इस कार्यक्रम में जावेद अख्तर, हरिओम पवार, कुमार विश्वास,राहत इंदौरी जैसे अनेक नामचीन कवियों ने कविता पाठ किया I पाँच दिन तक लगातार चलने वाले इस बृहत आयोजन को गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया है । इससे पूर्व यह रिकॉर्ड 48 घंटे का पाकिस्तान के नाम था । द्वारका के इस कवि की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर मंच के संरक्षक श्री सी.पी. शर्मा ने बधाई देते हुए कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत गर्व की बात है कि श्री रमेश गंगेले ने द्वारका उपनगरी, दिल्ली व देश का गौरव बढ़ाया है। श्री गंगेले मूलतः छतरपुर (मध्य प्रदेश) के रहने वाले हैं जो वर्तमान में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम,नज़फगढ़ क्षेत्र के राजनगर विस्तार बाल में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं । हाल ही में दिल्ली नगर निगम ने उन्हें इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया है। वे भोपाल में रहने वाली अपनी बड़ी बहन श्रीमती रश्मि मिश्रा को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं जो एक अच्छी साहित्यकार हैं । कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध कवि एवं दिल्ली साहित्य समाज के संयोजक श्री विनोद बंसल ने किया । कार्यक्रम में श्री गंगेले ने अपनी देशभक्तिपूर्ण कविताओं -” हमें हर सवाल का जवाब चाहिए, देश की सुरक्षा का हिसाब चाहिए ” एवं ” किसान आँखों में नीर लिए फिरता है ” का पाठ कर राष्ट्रभक्तिमय माहौल बना दिया । इस अवसर पर सचिव श्री दिनेश शर्मा, निगम शिक्षक संघ के नेता देवेंद्र मलिक, विश्ववर्धन शर्मा, ज़िला अध्यक्ष यंग ब्रिगेड, कांग्रेस कमिटी, नज़फगढ़ , बाल साहित्यकार नरेंद्र निहार, श्री नेमपाल सिंह सहित अनेक कवि, साहित्यकार एवं गणमान्यजन उपस्थित थे। श्री रमेश कुमार गंगेले 1990 से कविता से जुड़े हैं । वे देश के अनेक प्रतिष्ठित मंचों, टी.वी. चैनलों एवं विदेशों में भी कविता पाठ कर चुके हैं । उन्होंने भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा आयोजित अनेक प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका भी निभाई है I ‘हिंदी की गूँज’ नामक साहित्यिक संस्था के संयोजक रहकर वे हिंदी की निरंतर सेवा कर रहे हैं । द्वारका परिचय से उनका गहरा नाता रहा है। द्वारका के कवि होने के नाते द्वारका वासियों की ओर से उन्हें हार्दिक बधाई।