होली उत्सव पर आरजेएस पीबीएच का होली गीत व कवि सम्मेलन ,शहीदों की स्मृति को नमन्

राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) ने 24.03.2024 को होली उत्सव और यूनेस्को विश्व कविता दिवस मनाने के साथ ही शहीदों भगतसिंह, राजगुरु ,सुखदेव और गणेश शंकर विद्यार्थी की शहादत की स्मृति और कवयित्री महादेवी वर्मा की जयंती पर श्रद्धांजलि और कोटि कोटि नमन् किया गया।

वेबिनार के प्रारंभ में आरजेएस पीबीएच के संस्थापक व वेबिनार के संचालक उदय कुमार मन्ना ने छ: राज्यों से जुड़े अतिथियों में से एक हिमाचल प्रदेश की सुश्री रितु कपिल को  कृष्णलीला व भजन के लिए आमंत्रित किया । तत्पश्चात विशेष अतिथि डॉ. तूलिका सेठ ने आरजेएस पीबीएच के दूर-दूर तक के सकारात्मक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अपनी कविताएं और गजल सुनाईं- क्या-क्या मिला के तुमने क्या-क्या पिला दिया है, होली के रंग सबमें, तूने जबसे लगा दिया है।।

मुख्य अतिथि  बीडीएसएल महिला काॅलेज, जमशेदपुर की प्रिंसिपल डॉ. पुष्कर बाला ने रंगों के त्योहार पर सुंदर पंक्तियां सुनाईं- बन के सतरंगी आई है देखो टोलियां, भर-भर के लाई हैं अबीर वाली झोलियां।

बिहार भोजपुर जिले के रतनाढ़ पंचायत स्थित बेरथ गांव के आरजेएस स्टार भानुप्रताप सिंह ने वेबिनार में होली गीत- “बंगला में उड़ता अबीर” का आयोजन कराया।हारमोनियम और ढोल आदि के साथ अपने लोकगीत से आरजेएसियंस को आनंदित किया। लोक गायक श्याम बाबू कुशवाहा,सुदेश्वर चंद्रवंशी  ,रवि यादव हरमुनियम पर श्री लाखन सिंह , नाल पर टैटू राम ढोलक पर अखिलेश सिंह,  बेंजू पर उमेश महतो ,झाल पर हरिदर्शन ठाकुर, पहलवान सिंह , निर्मल चंद्रवंशी ,जितेंद्र माली , टन टन काका उपेंद्र पाल ,जितेंद्र दोस्त  आदि शामिल हुए।

वेबिनार के पूर्व शिक्षा अधिकारी (एमसीडी) और विशेष अतिथि डॉ. विनोद बंसल ने अपनी  रचनाएं –तस्वीर बड़ी है या आंख और राम की महिमा सुनाईं।

काव्य संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ब्रजभूमि पुत्र डॉ. हरिसिंह पाल , सदस्य, हिन्दी सलाहकार समिति संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने होलिका दहन और रंगों के त्योहार के सार पर जानकारी दी, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह त्योहार सभी को नकारात्मक भावनाओं और विचारों को त्यागने और जीवन के आनंद में सभी के साथ भावनात्मक एकता को मजबूत करने का आह्वान करता है। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के आध्यात्मिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू हैं।  उन्होंने प्रतिभागियों को भारत के विभिन्न राज्यों और दुनिया के विभिन्न कोनों में होली की भावना की आवश्यक समानता से परिचित कराया। उन्होंने नंदगांव, बरसाना, गोकुल, वृंदावन और अन्य क्षेत्रों में मनाए जाने वाले त्योहार के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने ब्रज में वसंत ऋतु में मनाए जाने वाले जीवन के आनंद के महीने भर के त्योहार का जीवंत आंखों देखा हाल बताया। विदेशों में एनआरआई बड़े उत्साह के साथ होली मनाते हैं। उन्होंने भारत व विदेश में विभिन्न होली उत्सवों का वर्णन किया।

इसहाक खान ने ग्रामीण परिवेश के आनंदमय उत्सव की विशेषताओं को बखूबी दर्शाया। आरजेएस पीबीएच के पैनलिस्ट प्रफुल्ल पांडे ने अवध और ब्रज की याद दिलाने वाली पंक्तियां सुनाईं। कबीरपंथी प्रेम सागर जी ने मधुर स्वर में अपनी रचना सुनाई, जिसमें उन्होंने जीवन के पवित्र, आनंदमय और गौरवशाली होने पर _पहुना_ अर्थात गुरु के आगमन का स्वागत किया।रचनाएं सुनाने वालों में डॉ. एस. भरत कुमार, सुश्री सरिता गुप्ता, जयवीर सिंह और मोइन शम्सी आदि शामिल थे।

श्री सुरजीत सिंह दीदेवर ने होली पर कुछ पंक्तियां सुनाईं और धन्यवाद ज्ञापन भी किया। उन्होंने सभी से रविवार 31 मार्च के मतदाता जागरूकता और 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस वेबिनार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और भविष्य में आरजेएस पीबीएच की _यात्राओं_ में उत्साहपूर्वक भाग लेने का आह्वान किया।

वेबिनार का संचालन आरजेएस पीबीएच के संस्थापक और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के राष्ट्रीय समन्वयक उदय कुमार मन्ना जी ने उत्साहपूर्वक किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से सकरात्मक भारत-उदय आंदोलन से जुड़े रहने का आह्वान किया।  उन्होंने सभी को बताया कि उज्जवला वीमेंस एसोसिएशन की अध्यक्षा और पूर्व अध्यक्ष एआईडब्ल्यूसी की पैट्रन सुश्री बीना जैन जी की इच्छा के अनुसार यह आंदोलन हमारे गांवों तक जाएगा। उन्होंने प्रतिभागियों को आगामी आरजेएस पीबीएच के मतदाता जागरूकता व विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आगामी वेबिनार की जानकारी दी। उन्होंने याद दिलाया कि आरजेएस पीबीएच ग्रंथ का तीसरा खंड _अमृतकाल का सकारात्मक भारत-उदय_ 11.08.2024 को  विमोचित होने वाला है, जो फरवरी, 2024-जुलाई, 2024 के दौरान आरजेएस के सकारात्मक प्रयासों और कार्यक्रमों को दर्शाएगा। वेबिनार में प्रदर्शित सूची में दर्शाया गया है कि आरजेएस द्वारा इस खंड की अग्रिम बुकिंग पहले से ही की जा रही है। श्री उदय मन्ना ने यह भी बताया कि यह आंदोलन वैश्विक स्तर पर जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण फैलाने के लिए देश भर से दुनिया भर में जाने के लिए तैयार है।