सामाजिक रूपांतरण ने आध्यात्मिकता के सहारे मीडिया निभा सकता है एतिहासिक भूमिका : दीक्षित

माउंटआबू 13 जून : ब्रह्माकुमारीज के मीडिया प्रभाग द्वारा ज्ञानसरोवर आबू पर्वत में आयोजित 5 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधन करते हुए माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. कमल दीक्षित ने कहा कि पिछले दशक में भौतिक परिवर्तनों के कारण सुख साधन तो बढेलेकिन मनुष्य की संतुष्टिता में कमी आई है। इन परिस्थितियों में पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम के आदर्श प्रेरणास्रोत बन सकते हैं। ेेजिन्होंने मानवता कीगरिमा को शिखर तक ले जाने का प्रयास किया था। यह उनके आध्यात्मिकता से जुडे होने के कारण ही संभव हुआ।

प्रो. दीक्षित ने कहा कि अतीत में विकारों व बुराईयों को समाप्त करने की जितनी कोशिश की गई उतना ही उनका अधिक प्रसार हुआ हमें यह मानना होगाकि आध्यात्मिकता अंतर्मन को शुभ कार्यों के लिये प्रेरित करती है गुरूकुल शिक्षा प्रणाली अपनाते हुए मनुष्य के हृदय में ऐसी भावना जाग्रत करने कीआवश्यकता है, जिससे समाज परिवर्तन के लक्ष्य से सभी वर्ग जुड जायें। यह तभी संभव होगा जब मीडिया मनुष्यता व मानवता के लिये अपने सकारात्मकप्रयासों को और अधिक गति प्रदान करेगा। हमें नई आकांक्षाओं एवम संकल्पों के साथ आगे बढना होगा।

मधुरवाणी गु्रप द्वारा स्वागत गान एवम चंडीगढ की कुमारी सिमोनी द्वारा स्वागत नृत्य से प्रारंभ किये गये उदघाटन सत्र में मीडिया प्रभाग के अध्यक्षकरूणा भाई ने कहा कि मीडिया ने स्वर्णिम भारत की सरंचना में बहुमूल्य योगदान दिया है। यदि हम देश को पहले और धर्म को बाद में रखेंगे और अपना मनोबलमजबूत करते हुए जनहित को सर्वोपरि मानेंगे तो पूरा विश्व एक परिवार बने, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी रहेगी। आध्यात्मिक शक्ति हमें संकट सेउभारने का माध्यम बनती है। भारत को विश्व गुरू का दर्जा दिलाने के अभियान में हम सनातन संस्कृति को फिर से प्रतिष्ठित करने का प्रयास करें।

दीप जलाकर किये गये विधिवत उदघाटन के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में दूर संचार विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष संजीव भानावत ने कहा किब्रह्माकुमारीज संस्था ने समाज के उत्थान में जो कीर्तिमान स्थापित किये हैं उन्हें देखकर कहा जा सकता है कि सकारात्मक चिंतन से विश्व परिवर्तन का लक्ष्यप्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि जो कार्य सरकार नहीं कर सकती वह इस संस्था ने कर दिखाये हैं.हमें इसबात का गर्व है कि अब भी अनेक पत्रकार सकारात्मक चिंतन के सहारे समाजिक सरोकारों के प्रति वचनबद्धता पर कायम हैंलोकतंत्र के ढांचे में प्रदूषण व शोषणके विरूद्ध लेखनी अब भी नहीं झुकती। हमारा कर्तव्य है कि विचारवान व सूझवान नागरिक तैयार करें।

शिव अनादि कला साधना केन्द्र इंदौर के कलाकारों द्वारा शुभ दिन आयो रे गीत पर प्रस्तुत शानदार सामूहिक नृत्य से सजे इस कार्यक्रम में देहरादून सेआये पत्रकार शैलेन्द्र सक्सेना और दिल्ली से आये दिनेश तिवारी ने कहा कि हमें स्वयं को पहचानना होगा.यदि हम चिंतन व मंथन करेंगे तो निस्संदेह समाजिकरूपांतरण में आध्यात्मिकता के बल पर सफल होंगे.कार्यक्रम को मीडिया प्रभाग के उपाध्यक्ष आत्मप्रकाश भाई व ज्ञान सरोवर निदेशिका डा. निर्मला ने भीसंबोधन किया।