हिंदी पखवाड़ा व राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अवसर पर आयोजित 106वीं आरजेएस सकारात्मक शिखर बैठक दिल्ली के इहबास अस्पताल में 6सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सकारात्मक व्यक्तित्व स्व०विमला देवी को श्रद्धांजलि दी गई और तन-मन के स्वास्थ्य में पोषण,योग व सकारात्मक सोच की भूमिका पर चर्चा हुई।सभी का स्वागत करते हुए आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने कहा कि सकारात्मक शिखर बैठक के आयोजकों में से एक को 19 जनवरी कोस्व०विमला देवी मेमोरियल आरजेएस स्टार अवार्ड 2020 प्रोत्साहन राशि के साथ दी जाएगी।
आरजेएस राम-जानकी संस्थान नई दिल्ली द्वारा 25 राज्यों में सकारात्मक बैठकों और सकारात्मक पत्रकारिता से भारत निर्माण की कोशिशें जारी हैं।इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण में मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो.डा. निमेश देसाई ने कहा कि मन की सोच सकारात्मक रहनी चाहिए जिसमें प्रेम-भाव हो, समभाव हो और एक दूसरे की इज्जत हो । यही मन का पोषण है।जीवनभर का साथ देनेवाला हमारा अपना स्वास्थ्य ही है।योगी कवि प्रेम भाटिया ने कहा कि- मुझे करना सही है, मुझे बोलना सही, मुझे सोचना है सही,मां भी कहती हैं ,पापा भी कहते हैं, भईया भी कहते यही। मन के हमेशा साथ रहनेवाला चीज है भाव, विश्वास, समयमान,परमार, संवेदना।मन जब खराब होगा तो सबसे पहले दुष्प्रभाव स्वयं के शरीर पर पड़ेगा फिर आसपास के वातावरण में नकारात्मकता फैलेगी। इसलिए संयमित आहार-विहार और योग-नियम,ध्यान से तन के साथ-साथ मन को स्वस्थ रखना जरूरी है।रेडियो ब्राॅडकास्टर ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा अब हिंदी हो गई है।इसने चीन की मैंडरिन को पीछे छोड़ दिया है। आरजेएस वक्ता पत्रकारदीनदयाल ने कहा कि आरजेएस का सकारात्मक भारत आंदोलन से मेरी तरह कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है। बिना पैसे खर्च किए वो देश सेवा कर सकता है।
आरजेएस में सबसे बड़ी बात स्थानीय दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देकर आशीर्वाद प्राप्त करना। इस अवसर पर आरजेएस आॅब्जर्वर , दिल्ली सरकार में ओ.एस.डी.दीप माथुर ने इहबास के निदेशक,स्टाफ और आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया का धन्यवाद किया और देशवासियों से सकारात्मक भारत आंदोलन से जुड़ने की अपील की।बैठक का सफल संचालन जितेंद्र भाई ने किया। इस अवसर पर इहबास के संयुक्त सचिव एस.के.सिंह , डाइटीशियन्स,सक्षम की टीम ,पप्पु रजक,मनीष,विजय भान, अभिषेक आदि उपस्थित थे।