नई दिल्ली (आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया रिपोर्ट) बिहार में बढ़ते औद्योगिकीकरण को लेकर राजधानी दिल्ली में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया।
बिहार के विकास की प्रस्तुति की गई। बिहार के उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन ने कहा कि पिछले महीने अप्रैल2022 में पेप्सी बॉटलिंग प्लांट (बरौनी, बेगूसराय) और बिहार के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट ( गणेशपुर, पूर्णियां) – दो बड़ी औद्योगिक ईकाईयों का शुभारंभ हुआ था। इसके अलावा गोपालगंज जिले में दो, भोजपुर में 1 यानी तीन और इथेनॉल उत्पादन ईकाईयां बनकर तैयार है। बहुत जल्द शुभारंभ होगा।
देश का इथेनॉल हब बनने की ओर बढ़ रहा है बिहार, पहले चरण में बिहार के अलग अलग इलाकों में स्थापित हो रही हैं 17 इथेनॉल उत्पादन ईकाईयां,
केंद्र और बिहार की इथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद बिहार ही नहीं बल्कि देश की पहली ग्रीनफील्ड ग्रेनबेस्ड इथेनॉल ईकाई का शुभारंभ पिछले हफ्ते, 30 अप्रैल 2022 को पूर्णियां में हुआ। 105 करोड़ की लागत से स्थापित इस ईकाई में प्रतिदिन 65 हजार लीटर इथेनॉल का उत्पादन शुरु हो चुका है।
15 अप्रैल 2022 को बेगुसराय, बरौनी में वरुण बेवरेजेज लिमिटेड द्वारा स्थापित पेप्सी के बॉटलिंग प्लांट का शुभारंभ हुआ, कुल 550 करोड़ की निवेश योजना में से 322 करोड़ के निवेश से पहले चरण का काम पूरा हुआ और दूसरे चरण का काम जिसमें फ्रूट जूस व अन्य प्रोडक्शन लाइन स्थापित होनी है, उसका कार्य प्रारंभ है।
पिछले साल लाई गई सेक्टर केंद्रित नीतियां जैसे बिहार इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 काफी सफल रही। सिर्फ इथेनॉल पॉलिसी के तहत ही 30,382 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए। अब उद्योग विभाग द्वारा बिहार टेक्सटाइल एंड लेटर पॉलिसी 2022, बिहार लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022, बिहार एक्सपोर्ट पॉलिसी 2022 व अऩ्य नीतियां लाने की तैयारी है।
बिहार में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए लंबे अंतराल के बाद 12 मई को BIHAR INVESTORS’ MEET 2022 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में और बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के निरंतर प्रयासों से बिहार औद्योगिकीकरण की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। नीतिगत / नियामक सुधारों, संरचनात्मक ढ़ाचा विकास, संस्थागत सुदृढ़िकरण और अऩ्य उपायों से बिहार सरकार द्वारा राज्य में उद्योग क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और नई औद्योगिक ईकाईयां स्थापित करने के लिए काफी गंभीरता से प्रयास कर रही है और इसके काफी अच्छे नतीजे मिले हैं।
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 (2020 में संसोधित) और कुछ सेक्टर्स के लिए लाई गई विशिष्ट नीतियों के जरिए बिहार में निवेश बढ़ाने के प्रयास हुए हैं और इसमें अच्छी सफलता प्राप्त हुई है। बिहार में स्थापित हो रही या स्थापित होने की प्रक्रिया में आ चुकी सभी औदद्योगिक ईकाईयों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है, हर कदम पर उनकी हैंड होल्डिंग कर उऩ्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास होता है।
बिहार में निवेश को प्रोत्साहित करने और औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने के मकसद से हाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
• कई शर्तों/नियमों को आसान बनाकर सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया गया है।
• इंडस्ट्रियल पार्क, इंटेगरेटेड मैनूफ्कैचरिंग क्लस्टर (गया), मेगा फूड पार्क( मुजफ्फरपुर), इलेक्ट्रिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर (बेगुसराय), प्रस्तावित आईटी पार्क(पटना) और जरुरी आधारभूत संरचना का विकास कर राज्य के औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल स्थितियां बनाई जा रही हैं। बिहार में विकसित हो रही सभी औद्योगिक क्षेत्र IPRS 2.0 compliant हैं।
• नई और पुरानी औद्योगिक ईकाईयों को हर तरह से सहयोग दिया जा रहा है।
बिहार औद्योगिक निवेश के लिए “go-to destination” बन सके, इसके लिए बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन और राज्य सरकार का उद्योग विभाग काफी सक्रिय है और नीतिगत सुधारों के साथ हर जरुरी प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले साल 2021 में लाई गई इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 और ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 अत्यंत सफल रही। सिर्फ इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति के तहत राज्य 30 हजार 322 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए । मौजूदा वर्ष में भी कुछ खास सेक्टर को ध्यान में रखकर कई विशिष्ट नीतियां तैयार हैं जिसे जल्द लागू किया जाएगा।
बिहार टेक्सटाइल एंड लेटर पॉलिसी 2022, बिहार लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022, बिहार एक्सपोर्ट पॉलिसी 2022 व अऩ्य नीतियां तैयारी के आखिरी चरण में हैं और इन्हें जल्द लागू किया जाएगा । कई आकर्षक industry-friendly incentive slabs से लैस नीतियां बिहार में समग्र औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने में मददगार होंगी।
बिहार में पिछले एक साल में उद्योग का काफी बढ़िया माहौल बना है और इसमें लगातार सुधार की कोशिश की जा रही है। ईज ऑफ डूँईंग बिजनेस को बेहतर करने के साथ लक्ष्य है सकार और इंडस्ट्री के बीच काफी लंबे समय तक चलने वाले परस्पर सहयोगत्क रिश्ता बने और बिहार के औद्योगिकीकरण का सपना पूरा हो।
बिहार में न सिर्फ इन दिनों उद्योग का सबसे बढ़िया माहौल है बल्कि कई अऩ्य खूबियां भी हैं जो इन्हें निवेश के लिए अनुकूल राज्य बनाती हैं। राज्य के उद्योग विभाग के पास करीब 2800 एकड़ का state-of-the-art land pool है जो बिहार के अलग अलग जिलों में हैं और इसे तत्काल आवंटित कर उद्योग शुरु किया जा सकता है। बिहार के ज्यादातर जिलों से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) गुजरते हैं जो बिहार के अंदरूनी इलाकों लेकर अऩ्य राज्यों में आवागमन को भी बेहद आसान बनाते हैं। राज्य में मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) की स्थिति तो अच्छी है ही। 751 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग को अपग्रेड भी किया जा रहा है। Eastern Dedicated Freight Corridor (EDFC) औऱ Amritsar Kolkata Industrial Corridor (AKIC) राज्य से होकर गुजरता है और वो भी फतुहा में functional Internal Container Depot से होकर जो कि राष्ट्रीय वाटरवे 1 का हिस्सा हैं।
पूर्वी भारत में अहम बिन्दु पर स्थित बिहार सड़क मार्ग के साथ हवाई कनेक्विटी में भी काफी बेहतर स्थिति में हैं। पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट्स के साथ पास के 04 और एयरपोर्ट जैसे देवघर, वाराणसी, बागडोगरा और कुशीनगर बिहार की हवाई कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करते हैं और बिहार के सभी जिलों में आवागमन सुलभ बनाते हैं। देवघर, वाराणसी, बागडोगरा और कुशीनगर – पड़ोसी राज्यों के सभी एयरपोर्ट्स बिहार की सीमा से 50 किलोमीटर से कम की दूरी कर स्थित हैं।
बिहार पिछले एक साल में न सिर्फ उद्योग के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बनकर उभरा है बल्कि बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव आ रहे हैं जिससे बिहार के औद्योगिकीकरण का लक्ष्य अब पूरी तरह संभव दिख रहा है। कोरोना काल का दुश्वारियों के बावजूद बिहार में पिछले एक साल में 555 औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना के लिए 36 हजार 253 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आए। ( सोर्स – राज्य औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पर्सद – SIPB) इन सभी प्रस्तावों को स्टेज 1 क्लियरेंस मिल चुका है और इऩमें से 1489.05 करोड़ रुपए के 106 इकाईयों के लिए प्रस्तावों को ‘Financial clearance’ भी दिया जा चुका है। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन बिहार के औद्योगिककरण को लेकर सतत प्रयत्नशील हैं और इसके काफी अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।
देश में कोरोना की वजह से उत्पन्न हुई परिस्थितियों में देश की जो भी कंपनियां बिहार में उत्पादन ईकाई स्थापित करना चाहती हैं, या बेहतर सप्लाई चेन के लिहाज से जिनके लिए उपयुक्त है, राज्य का उद्योग विभाग और बिहार सरकार उनके इस्कबाल के लिए तैयार है और बिहार में हर तरह अवसर मुहैया कराए जाने के साथ सहयोगात्मक वातावरण मिलेगा।
बिहार में पिछले एक साल में जो उद्योग क्षेत्र में जो उपलब्धि हासिल हुई है, बिहार में उद्योग का शानदार वातावरण बना है, उसे और मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए बिहार नए निवेश प्रस्तावों को आकर्षित करने का इच्छुक है और इसलिए राज्य के उद्योग विभाग द्वारा 12 मई 2022 को दिल्ली के ताज मान सिंह होटल में बिहार इंवेस्टर मीट 2022 का आयोजन किया जा रहा है जिसका फोकस होगा कि पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए बिहार निवेश का सबसे बेहतर डेस्टिनेशन है। 12 मई 2022 को होने वाले Bihar Investors’ Meet 2022 में उद्घाटन सत्र के साथ साथ देश के प्रतिस्ठित निवेशकों के साथ Business to Government meeting session भी होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Bihar Investors’ Meet 2022 के मुख्य अतिथि के रुप में इसका शुभारंभ करेंगी और केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह और बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन इसके विशिष्ट अतिथि होंगे।
Bihar Investors’ Meet 2022 में Ashoka Leyland, Escorts, Hindustan Unilever Limited, Patanjali और अन्य प्रतिष्ठित औद्योगिक ईकाईयों की भागीदारी रहेगी तो ASSOCHAM, All India Association of Industries, Council for Leather Exports, Service Export Promotion Council, Indian Silk Export Promotion Council, Trade Promotion Council of India जैसे संगठन भी सक्रियता से इसमें शामिल होंगे।
Bihar Investors’ Meet 2022 के जरिए विशिष्ट प्रक्षेत्र में निवेश प्रोत्साहित करने के साथ निम्न लक्ष्य निर्धारित हैं।
• बिहार में उद्योगों की स्थापना और औद्योगिक निवेश के लिए पिछले एक साल में माहौल को और सुदृढ़ करना।
• उच्च प्राथमिकता के प्रक्षेत्र को प्रोत्साहित करना जैसे – Textile & Leather; IT/ITeS & ESDM; Food Processing, General and Small Manufacturing और अन्य
• बिहार को देश के पसंदीदा इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रुप में प्रोत्साहित करना।
• उद्योग जगत और निवेश समुदाय के बीच बिहार में उद्योग क्षेत्र में मौजूद अवसरों को पहुंचाना
• उद्योग जगत और निवेश समुदाय से विमर्श के जरिए key investment projects को चिन्हित करना।
• देश ही नहीं विदेशों से भी बिहार में निवेश आकर्षित करना
• राज्य के औद्योगिक विकास और निवेश को प्रोत्साहित करने में बाधक सभी समस्याओं को दूर करना और बिहार के औद्योगिक वातावरण को निरंतर सुदृढ़ करना।
पिछले एक साल में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन की वजह से यहां उद्योगों की तेज स्थापना शुरु हुई है। बिहार में बिजनेस का इकोसिस्टम काफी बेहतर हुआ है। उद्योग जगत में बिहार को लेकर पूर्व में बनी छवि बदली है और उद्योग क्षेत्र में पहचान बना रहे बिहार के रुप में राज्य जाना जाने लगा है। आने वाले दिनों में बिहार औद्योगिक निवेश को सफल बनाकर राज्य के औद्योगिकीकरण के लक्ष्य को हासिल करेगा, इस दिशा में तत्परता से आगे बढ़ रहा है।
(आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया रिपोर्ट)