नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने दिया संबोधन

भारत सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव में स्वैच्छिक जनभागीदारी के अंतर्गत रविवार 22 मई 2022को मुनि इंटरनेशनल स्कूल, पश्चिम दिल्ली के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। आयोजक संस्था राम जानकी संस्थान, आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि बिकाश शिल्पा केंद्र, टीजेएपीएस केबीएसके , हुगली पश्चिम बंगाल के सचिव सोमेन कोले ने बताया किआरजेएस फैमिली की ओर से क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा  , शहंशाह शेरशाह सूरी और समाज सुधारक राजा राममोहन राय को श्रद्धांजलि दी गई

इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहां कि विद्यार्थियों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कुछ बनने की जगह कुछ करने का संस्कार देती है ।उन्होंने कहा कि बड़े भाव से लाई गई यह नीति किसी भी उम्र में शिक्षा की डिग्री पाने के इच्छाधारकों को संतुष्ट करती है। यह नीति शिक्षा शिक्षक और उससे जुड़े हुए लोगों को जिम्मेदारी का एहसास कराती है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में महाराजा अग्रसेन यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ नंद किशोर गर्ग ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि की सराहना करते हुए कहा की ब्रिटिश सिस्टम को बदलने के लिए यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कारगर है। कुछ ऐसी ही कोशिश आजादी से पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी किया था और बुनियादी शिक्षा के लिए उन्होंने गांधीजी के साथ काम किया। नई राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति “मैं में नहीं हम” में विश्वास करती हैं और फेक यूनिवर्सिटी की बाढ़ को रोक कर 8 साल में इसके कार्यान्वित होने की आशा है।नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर ओपनिंग रिमार्क्स प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर आर &डी नॉर्थ ईस्ट क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी तथा ऑनरेरी प्रोफेसर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, उड़ीसा प्रोफेसर बिजाॅन कुमार मिश्रा ने कहा कि आरजेएस परिवार का केवल सकारात्मक सोच  ही नहीं है, सकारात्मक कार्य भी करती है । इसी के मद्देनजर आजादी की अमृत गाथा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर यह परिचर्चा रखी गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई नहीं है ,इसके साथ साथ घर परिवार ,समाज और देश का सशक्तिकरण भी है। एनईपी2020 केवल डॉक्यूमेंट भर न रह जाए  बल्कि राज्यों को भी कोशिश करनी होगी कि भारत के शैक्षणिक वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण में मूलभूत परिवर्तन आए। वेबीनार के मुख्य वक्ता सह-आयोजक मुनि इंटरनेशनल स्कूल, पश्चिम दिल्ली के संस्थापक डॉ अशोक कुमार ठाकुर ने उद्यमिता के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत के समग्र स्वभाव पर केंद्रित है। यह शिक्षा के आधार को मजबूत करता है और विद्यार्थियों को अनुशासित करता है । अतिथियों का स्वागत करते हुए डीएवी पोस्ट ग्रेजुएट काॅलेज,सिवान , बिहार के एसोसिएट प्रोफेसर डा अभय कुमार ने कहा किराष्ट्र की जरूरतें समय, काल और परिस्थिति के अनुसार बदलती रही हैं ,लिहाजा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इसी को ध्यान में रखते हुए समय की मांग के अनुरूप है।वहीं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सीसीआरटी , संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के फैकल्टी सदस्य डा ए के मर्चेंट ने कहा कि हर साल भारत में पैदा होने वाले दो करोड़ बच्चों के सुनहरे भविष्य को ध्यान में रखकर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई गई है जिसमें  केंद्र सरकार की नियत साफ दिखाई देती है। वेबिनार में पाॅजिटिव स्पीकर्स प्रेम प्रभा झा, इशहाक खान और वैभव भारद्वाज सहित नगमा ,डा मनीश,डा आरके गुप्ता, ओमप्रकाश झुनझुनवाला ,डा नरेंद्र टटेसर,डा कुसुम लता आदि ने इंटरैक्टिव सेशन में भाग लिया।अमृत गाथा के राष्ट्रीय संयोजक श्री मन्ना ने आगामी रविवार 29 मई को अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस पर आजादी की अमृत गाथा का सत्तरवां वेबिनार आयोजित करने की घोषणा की।