www.DwarkaParichay.com Newsdesk
विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय आर जे एस (RJS) वेबिनार का आयोजन किया गया इसका संयोजन व संचालन रेडियो ब्राॅडकास्टर उदय कुमार मन्ना ने किया। वेबिनार की अध्यक्षता शांति साधना आश्रम-गुवाहाटी-असम के हेम भाई द्वारा की गई। साथ ही वेबिनार में छे राज्यों के वक्ताओं एवम प्रतिभागियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन राम-जानकी संस्थान नई दिल्ली और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि विकास शिल्प केंद्र , हुगली, प.बंगाल के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसमें तकनीकी सहयोग किया डेली डायरी न्यूज़ ने। तमिलनाडु से डा. शेक अब्दुल वहाब, बिहार से डॉ विनय विष्णुपुरी, उत्तर प्रदेश से डा.डी. साहा , असम से प्रज्ञा दत्ता, नयनतारा, दिल्ली से सुरजीत सिंह दीदेवार, राजेश शर्मा, अश्विनी परासर , एस एस डोगरा , रिंकल शर्मा,डा.नरेंद्र टटेसर, नोएडा उत्तर प्रदेश से प्रखर वार्ष्णेय, बिहार से पुजा कुमारी,अजय कुमार,दयानंद सिंह इत्यादि ने भाग लिया।
आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार में तकनीकी सहयोग डेली डायरी न्यूज़ का था।हेम भाई ने कहा कि हम सभी को धर्मों से आगे आकर पृथ्वी की रक्षा करनी है। जब नीलार्मस्ट्रोंग ने पहला कदम चाँद पर रखा था तो उन्होंने कहा कि वहाँ से पृथ्वी बहुत सुंदर दिखाई देती है। तो मैं चाहता हूँ कि हम सभी एक समाज , एक परिवार बनकर पर्यावरण की रक्षा करें और इस पृथ्वी को फिर से उतना ही सुंदर बनायें। हेम भाई ने कहा कि फ्लैट सिस्टम ने ही पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाया है। लेकिन फिर भी जगह कम होने पर छोटे छोटे गमलों में पौधे लगाए जा सकते हैं।” इस्लामिया काॅलेज , तमिलनाडु के डा.शेख अब्दुल वहाब ने प्रतिभागियों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि सरकार अपनी तरफ जैव विविधता के लिए से काफी सहयोग करती है। तमिलनाडु की ताम्रभरिनी नदी पश्चिमी घाट में जन्म लेती और राज्य के अंदर प्रवाहित होती है। जो नदियां अन्य राज्य के खंडों से दूसरे राज्य में प्रवाहित होती हैं, वह कहीं न कहीं प्रदूषित हो जाती हैं । परन्तु तमिलनाडु की यह ताम्र भरिनी नदी का पानी शुद्ध होता है। इसमें अन्य नदियों की अपेक्षा प्रदूषण बहुत ही कम पाया जाता है। अब कोरोना काल में यह और अधिक शुद्ध बन गई है। प्रकृति को संभलने का मौका मिला है । प्रकृति में जीव जंतु शुद्ध सांस ले रहे हैं,स्वच्छ जल पी रहे हैं।पर्यावरणविद् और सीपीसीबी में पूर्व एडिशनल डायरेक्टर डा.दीपांकर साहा ने कहा कि जैव विविधता की पूरी दुनिया में, मानव केवल उपभोक्ता है। वे नैचर में कुछ भी योगदान नहीं करते हैं। मानव का बोझ इतना बढ़ गया है कि हमें सभी को समायोजित करने के लिए पृथ्वी का 1.6 गुना आवश्यकता है, लेकिन जहां से हम अतिरिक्त 0.6 पृथ्वी ला सकते हैं। हमारे पास रहने के लिए केवल एक ग्रह है। स्वस्थ जैव विविधता होगी तभी स्वस्थ विश्व की कामना कर सकते हैं।
असम के शांति साधना आश्रम-गुवाहाटी की निदेशक प्रज्ञा परमिता दत्ता ने कहा कि पर्यावरण के साथ साथ हमें पशुओं के प्रति भी संवेदनशील होने की आवश्यकता है। सामाजिक चिंतक सुरजीत सिंह दीदेवार ने कहा कि हमारे अंदर जो विचारों का प्रदूषण है ,सबसे पहले हमें उसे साफ़ करने की ज़रूरत है। सरकार और जनता को साथ मिलकर कार्य करना होगा। विचार अच्छे होंगे तो बाकी चीज़ें भी अपने-आप ठीक हो जाएंगी।पर्यावरण: समस्या एवं समाधान पुस्तक के लेखक और बिहार के श्रमिक नेता डा.विनय विष्णुपुरी ने कहा कि आज जो मज़दूरों का पलायन हो रहा है, अगर केंद्र और बिहार सरकार चाहे तो गाँव से मज़दूर को शहर जाना ही न पड़े। बिहार में आम और केला की खेती इतनी होती है कि मज़दूरों को यहीं पर रोजगार मिल सकता है। पर्यावरण की सुरक्षा तभी हो सकती है जब हम किसान को और मज़दूरों को आर्थिक सुरक्षा देंगे। प्रकृति भक्त फाउंडेशन के संस्थापक राजेश शर्मा के साथ अश्विनी परासर ने संबोधित किया और बिहार में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कार्य करने की इच्छा जताई।
मीडिया की दो पुस्तकों के लेखक व पत्रकार आरजेएस स्टार एस एस डोगरा ने कहा कि पर्यावरण दिवस के सुअवसर पर मेरा सुझाव है कि हम जब भी किसी को उपहार में पौधा भेंट करते हैं तो उसके साथ उस पौधे विशेष के रखरखाव की जानकारी भी पौधे के साथ टैग कर ही देनी चाहिए ताकि हम पौधे को स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकें। आरजेएस वेबिनार में प्रतिभागियों में लेखिका व पत्रकार रिंकल शर्मा, रिसर्च स्काॅलर पूजा कुमारी , आइडियल एजुकेशन सेंटर के संचालक व आरजेएस राष्ट्रीय स्टार शिक्षक अजय कुमार व उनके सुपुत्र सत्यम , पूर्ति फूड्स विजन के निदेशक आरजेएस राष्ट्रीय स्टार डा.नरेंद्र टटेसर ,स्वराज ट्रेक्टर के सेल्समैन व किसान दयानंद सिंह आदि ने पर्यावरण संरक्षण पर बेहतरीन सवाल पूछे जिसका माकूल जवाब मिला और जानकारी व जागरूकता बढ़ी। डेली डायरी न्यूज़ की ओर से सफल तकनीकी सहयोग रहा। पर्यावरण दिवस पर वेबिनार की सफलता के बाद आरजेएस आॅब्जर्वर दीप माथुर और टीजेएपीएस केबीएसके के सचिव ने सभी लोगों को आगामी स्वतंत्रता दिवस पर डिजिटल प्रमाणपत्र देने की घोषणा की।