अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 के अवसर पर टीम आरजेएस की दो दिवसीय सकारात्मक बैठक का आयोजन दिल्ली में किया गया ।बैठक का आरंभ राष्ट्र प्रथम वंदेमातरम् और आरजेएस उदय-बिंदा निधि सम्मान2021 की भेंटकर्ता श्रीमती बिंदा मन्ना के सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर सभी आमंत्रित वक्ताओं और उपस्थित महिलाओं और पुरुषों को शाॅल ओढ़कर तथा राष्ट्र की सकारात्मक सोच का पटका पहनाकर स्वागत किया गया और कोरोना के निर्देशों का पालन हुआ।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्देशित थीम महिला नेतृत्व: कोरोना काल में एक समान अवसर” विषय पर परिचर्चा के साथ साथ माता जानकी , आध्यात्मिक गुरु श्रीमद् राजचंद्र, भारत कोकिला सरोजिनी नायडू, माता पन्ना धायश्रद्धेय गोविंद वल्लभ पंत,श्रद्धेय सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय आदि को श्रद्धांजलि दी गई.आरजेएस की 138वीं बैठक में मुख्य वक्ता व सह-आयोजक आध्यात्मिक गुरु सुरजीत सिंह जी दीदेवार ने कहा कि मानव सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ रचना है ,इसलिए दुनिया की सभी विचारधाराएं मिलकर साथ चलें तो जीवन सरल ,सुगम तथा सार्थक हो सकता है ।महिलाओं की ममता और पुरुषों की दृढ़ता से ही जीवन का उद्धार हो सकता है और वो जीवन पालक बन कर दीदेवार बन सकते हैं यानि स्वयं का स्वामी।बैठक के पहले दिन अतिथि वक्ताओं में सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील डा.ए.पी.सिंह , आकाशवाणी के पैक्स व साहित्यकार रामअवतार बैरवा , दूरदर्शन के इशहाक खान आदि ने भी अपने सकारात्मक विचार साझा किए।
महिला दिवस के दूसरे दिन 139वीं बैठक में सह-आयोजक अलका जैन- अशोक जैन की अगुवाई में पेंटिंग आर्टिस्ट प्रोमोटर व आर्ट क्यूरेटर अविरल जैन ने आरजेएस से जुड़ी बहनों की छुपी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए आगामी स्वतंत्रता दिवस पर एक बड़े कार्यक्रम की घोषणा की। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस2021 पर बैठकों का आयोजन राम जानकी संस्थान, आरजेएस और टीजेएपीएस केबीएसके गेंटेगोरी(धनियाखली) पश्चिम बंगाल के संयुक्त तत्वावधान में सकारात्मक भारत जन-आंदोलन के अंतर्गत किया गया।बैठक में अणुव्रत विश्व भारती की कार्यकारिणी सदस्या साहित्यकार डॉ कुसुम लुनिया ने कहा की कथनी और करनी एक होना ही सकारात्मकता है ।आचार्य तुलसी के शब्दों में उन्होंने कहा कि चिंतन,निर्णय और क्रियान्वयन यही किसी लक्ष्य की सफलता के लिए बुनियाद है।ब्रह्म कुमारी पटेल नगर शाखा, दिल्ली से पधारी शिल्पा बहन ने कहा कि चरित्र में अध्यात्म का समावेश सकारात्मक सोच का निर्माण करती है ।आज नकारात्मकता के माहौल को देखते हुए मानना पड़ेगा कि सृष्टि में विघ्न विनाशक परमात्मा का अवतरण हो चुका है। प्रकृति के विपरीत मानव आचरण और विश्व में अशांति बता रही है कि शांति प्रदाता परमात्मा धरती पर आ चुके हैं।बैठक का सफल संचालन आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने किया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक भारत की बैठकें अभी तीन राज्यों दिल्ली, बिहार और झारखंड में शुरू हुई हैं, जो आगे अन्य राज्यों में भी होंगी। इस अवसर पर गंधर्व महाविद्यालय की छात्रा प्रियंका सुंदरम ने “बेखौफ ,आजाद रहना है मुझे” गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। महिला दिवस की सार्थकता की एक झलक डॉक्टर साक्षात भसीन की शायरी और कविताओं में नजर आई । “महिलाएं सदा मुस्कुराए” ,”नारी का भी खुद में गहरा अर्थ है” आदि कविताएं और शायरी को आरजेएस फैमिली ने खूब पसंद किया। इस अवसर पर दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि विशाल गुप्ता, विकास शर्मा, आकाशवाणी से उद्घोषिका नीलम यादव ,सेवा निवृत्त कर्मचारी प्रताप श्रीवास्तव, जयकुमार, नंदकिशोर, पत्रकार राजेन्द्र सिंह यादव, ब्रह्मकुमारी डा.विनिता आदि ने बैठक का जोरदार समर्थन दिया।