आरजेएस की 62 वीं बैठक में डॉक्टर तोमर ने कहा “होम्योपैथी चिकित्सा शहर से गांव तक, रोग मिटाए जड़ तक”

राम जानकी संस्थान , आरजेएस द्वारा प्रारंभ आरजेएस सकारात्मक भारत मिशन 2019 अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर होता जा रहा है। इसी कड़ी में 62 वीं आर जे एस सकारात्मक बैठक का आयोजन “होम्योपैथी लाइलाज बीमारियों की संजीवनी” विषय पर  8 मई 2019 को सिंधिया हाउस नई दिल्ली में  किया गया. इसके बाद  होम्योपैथी के जन्मदाता डॉक्टर सैमुअल फ्रेंडरिक हैनीमैन को नई दिल्ली ,कनाॅट प्लेस सेंट्रल पार्क में आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की गई ।डॉ हैनिमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को जर्मनी में हुआ था।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए  आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने कहा कि डॉ हैनिमैन ने एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति का त्याग कर होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का आविष्कार किया। एलोपैथी चिकित्सा से अलग उन्होंने स्वयं अनेकों द्रव्यों का सेवन किया और उनसे जो जो लक्षण पैदा हुए उनकी परीक्षा की। इसी चिकित्सा पद्धति को उन्होंने नाम दिया होम्योपैथी।ग़रीबी में बचपन गुजारने वाले हैनिमैन ने दुनिया को नई पैथी दी। RJS की 62 वीं बैठक में   मुख्य अतिथि होम्योपैथिक फिजीशियन डॉ. सुधीर तोमर ने बताया कि डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन ने 1796 में यानी 200 साल से ज्यादा पुरानी नई वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति होम्योपैथी को दुनिया से रूबरू कराया, जिसमें रोगों को दबाया नहीं जाता, बल्कि जड़ से मिटाया जाता है । यह एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति है। इसके द्वारा सभी रोगों का ईलाज संभव है।

डॉ.तोमर ने बताया कि जितनी भी जीवन शैली जनित बीमारियां हैं जैसे सर्वाइकल स्पाॅडिलाइटिस , कोलेस्ट्रॉल , मधुमेह ,उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग अनिद्रा , गठिया, अवसाद ,मोटापा ,नशा,यहां तक कि कैंसर में भी होम्योपैथी दवाएं कारगर हैं। इमरजेंसी में जैसे सड़क दुघर्टना , हार्ट अटैक आदि में भी ये पैथी कारगर है। गांव गांव में अगर युवा होम्योपैथिक चिकित्सा में प्रशिक्षित कर दिए जाएं तो ग्रामीण अंचल रोग मुक्त हो सकता है।  उन्होंने बताया कि होम्योपैथी दवा लेते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए की दवा की शीशी का ढक्कन खुला ना रहे और इसे ठंडी जगह पर रखना चाहिए। होम्योपैथी दवा को कभी हाथ में नहीं लेना चाहिए और गोलियां गिनने के लिए सीसी के ढक्कन का इस्तेमाल करना चाहिए और ढक्कन से ही सीधा मुंह में डालें। होम्योपैथिक का नियम है “हाफ आवर रूल” रूल यानि दवा खाने के आधे घंटे पहले और दवा खाने के  आधे के अंदर कुछ भी नहीं खाएं। ।होम्योपैथी के साथ जहां तक संभव हो अन्य पैथी की दवाएं न लें। दवा लेने की‌‌ अवधि तक इमली और खट्टी चीजें खाने से भी परहेज करना चाहिए।बैठक में स्थानीय नागरिकों सहित आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया से आरजेएस स्टार दीनदयाल-रेशमदयाल, पत्रकार जयप्रकाश श्रीवास्तव ,अंशुल राजपूत और आरजेएस स्टार मीडिया  आदि ने भाग लिया।

अगले हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई ‌2019 को दिल्ली में मीडिया तकनीकी  कार्यशाला और आरजेएस वक्ता सम्मान ‌आयोजित किया जाएगा। बैठक में आज  22 राज्यों से जुड़े आरजेसियन मीडिया हाउस, पत्रकार-समाजसेवी  जहां हैं जैसे भी हैं सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत हो रहे हैं और इस सकारात्मक मिशन को गति देने का कार्य कर रहे हैं।हाल ही में‌ बुंदली प्रेस क्लब, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर 03 मई को 61वीं आरजेएस सकारात्मक बैठक का आयोजन किया गया  वहीं चौधरी इंद्रराज सिंह सैनी की अध्यक्षता में ‌पानीपत-कुरूक्षेत्र- में लघु बैठक और बाबैन में‌ सकारात्मक बैठक की गई।