मुम्बई 12 नवम्बर,2020:(श्योर शॉट)
सिनेमा को समाज का दर्पण कहा गया है क्योंकि सिनेमा सिर्फ लोगों का मनोरंजन ही नहीं बल्कि काफी कुछ सीख भी देती है। बॉलीवुड में इन दिनों जनजागृति वाली फिल्में काफी बनने लगी हैं जिन्हें दर्शक पसंद भी कर रहे हैं।
वर्ल्ड रिकॉर्ड फिल्ममेकर सत्यप्रकाश मंगतानी की हिंदी फिल्म “मुझे भी ये दुनिया देखनी है” समाज में फैली ऐसी कुरीति को उजागर करती है, जिसके बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। दरअसल उनकी यह फिल्म कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित है। डॉक्टर से सोनोग्राफी द्वारा पता चलने पर जब पेट में ही बेगुनाह और मासूम बेटी को मारने का निश्चय किया जाता है और जन्म लेने से पहले बेगुनाह और मासूम बेटी की माँ की कोख में ही हत्या की जाती है। अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त उपरोक्त फिल्म को पिछले दो सालों से बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ा है पर लेखक, निर्माता और निर्देशक सत्यप्रकाश मंगतानी ने कभी हिम्मत नहीं हारी और कभी निराश नहीं हुए। मार्च 2020 में इस फिल्म को महाराष्ट्र के साथ कई अन्य राज्यों में प्रदर्शित करने की तैयारी की गई थी पर महामारी कोराना की वजह से फिल्म एक बार फिर संकट में अा गई।
ऐसे में जब महाराष्ट्र के महामहीम राज्यपाल श्री भगतसिंह कोशियारी ने सत्यप्रकाश मंगतानी और उनकी टीम को अपना कीमती समय देकर सम्मानित करने का न्यौता दिया तो सत्यप्रकाश मंगतानी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्यूंकि उन्होंने इस फिल्म को बनाने के लिए अपना सब कुछ बेच दिया है और अब बस इतना चाहते हैं कि उपरोक्त फिल्म देश के कोने कोने तक पहुंचे और लोगों में बेगुनाह बेटियों को कोख में ही मारने का सिलसिला बन्द हो जाए।
सत्यप्रकाश मंगतानी ने राज्यपाल महोदय को गुरुवार 12 नवंबर 2020 के दिन राज भवन में फिल्म की कहानी को संक्षिप्त में बताया जिसको उन्होंने बड़े ध्यान से सुना। उनसे एक बार फिल्म को देखने की गुज़ारिश की गई जिनको उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। राज्यपाल महोदय ने बेटी बचाओ अभियान पर हिंदी फिल्म बनाने के लिए सत्यप्रकाश को तहेदिल से शुक्रिया अदा किया। उन्होंने बताया कि बहुत सालों से उन्होंने कोई हिंदी फिल्म नहीं देखी है पर दीवाली के बाद इस फिल्म को ज़रूर देखेंगे। उन्होंने उसी समय दूरदर्शन प्रसार भारती न्यू दिल्ली को उपरोक्त फिल्म को प्रसारित करने का आदेश भेजा।
सत्यप्रकाश मंगतानी के साथ फ़िल्म के नायक अविनाश जाधव, नायिका मृणालिनी और गायक अनूप जलोटा भी थे. फिल्म में उल्लेखनीय भूमिकाएं निभाने वाले जयश्री टी और मुकेश खन्ना ने अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं क्यूंकि कोरोना की वजह से वे इस मुलाकात में नहीं अा पाए। फिल्म की एक और उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले अभिनेता विजू खोटे जी पिछले साल इस दुनिया से अलविदा ले चुके हैं।
फिल्म में छ: गाने हैं सारे गाने काफी खूबसूरत और मधुर हैं। जिन्हें गाया है कुमार सानू, अलका याग्निक, साधना सरगम और अनूप जलोटा ने। फिल्म का शीर्षक गीत अलका याग्निक ने गाया है। जिसका गीत संगीत सत्यप्रकाश मंगतानी का है। खासतौर पर “मुझे भी यह दुनिया देखनी है” केंद्र सरकार और प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान से भी प्रेरित है। इसलिये सत्यप्रकाश मंगतानी चाहते हैं कि प्रदेश की सरकारें अपने-अपने राज्य में फिल्म को टैक्स फ्री करें, जिससे यह फिल्म ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक अपनी पहुंच बना सके। बता दें कि जेनुइन एंटरटेनमेंट कार्प के बैनर तले बनी इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड कंसल्टिंग कॉरपोरेशन अमेरिका द्वारा सर्वश्रेष्ठ सामाजिक जागरूकता फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
“अगर मैं चाहता तो शुरू में कमर्शियल फिल्में बनाकर बहुत सारा पैसा कमा सकता था पर पहले मैंने सामाजिक ज्वलंत मुद्दों पर फिल्में बनाने का निर्णय लिया। हालांकि कई कमर्शियल फिल्मों की स्क्रिप्ट तैयार पड़ी हैं जो आगे बनाने का इरादा है।” ये कहना है सत्यप्रकाश मंगतानी का जो फ़िल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्मकार स्वर्गवासी जे ओमप्रकाशजी के सानिध्य में रहे हैं जिन्होंने भी सामाजिक विषयों पर बेहतरीन फिल्में बनाई थी। इस फ़िल्म का मुहूर्त भी श्री जे ओमप्रकाशजी के हाथों ही संपन्न हुआ था. फिल्म का संगीत जाने माने दिग्गज संगीतकार आनंदजी भाई और श्रवण राठौड़ के हाथों से हुआ था। कन्या भ्रूण हत्या और बेटी बचाओ पर आधारित ये मनोरंजक फ़िल्म को देखने के लिए सारे देश की जनता बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है।
इस फ़िल्म को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कई अफसरों ने देखकर सन्मान पत्र दिया है और सराहना की है। सवा दो घंटे की इस फ़िल्म में दर्शकों को सामाजिक संदेश के साथ भरपूर मनोरंजन मिलेगा ऐसा कहना है शक्तिमान मुकेश खन्ना और प्रसिद्ध अभिनेत्री जयश्री टी का जिन्होंने इस फ़िल्म में बहुत अच्छी भूमकाएँ साकार की हैं।