– मोना जलोटा
घरेलू बाजार में निवेश के कई विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद, भारतीय अब अंतर्राष्ट्रीय संपत्तियों में निवेश तलाश रहे हैं। इसके कारण घरेलू बाजार की धीमी विकास दर है। वैश्विक स्तर पर आसान फाइनेंसिंग ऑप्शंस, उदार सरकारी नीतियों और रिटर्न के रूप में ज्यादा किराया मिलने के कारण लोगों का रुझान विदेश में अचल संपत्ति खरीदने की ओर बड़ा है। हाल के रुझानों से पता चलता है कि विदेशी निवेश की मात्रा लगातार बढ़ रही है!
हमने विदेश में अचल संपत्ति खरीदते वक्त ध्यान रखने योग्य बातों पर एक शुरुआती गाइड तैयार की है:
करने योग्य:
- एक अनुभवी सलाहकार के साथ काम करें। इससे आपको संपत्ति की पहचान और मूल्यांकन से संपत्ति की लीज़, मिलाने वाले किराए, संपत्ति के रखरखाव तथा अन्य संपत्ति संबंधी चिंताओं के लिए बेहतर सहायता मिल पाएंगी।
- यदि आप निवेश के अवसर की तलाश कर रहे हैं, तो मार्केट रिसर्च करें जैसे हाल के दिनों में किराए में कितनी बढ़ोतरी हुई है और विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले समय में उस क्षेत्र में कितना विकास होगा।
- संपत्ति का दौरा दोनों समय पर करें: सबसे अच्छा सीजन और ऑफ सीजन। आप शरद ऋतु में सही जगह खोजने के बाद उसी जगह को सर्दियों में कई इंच बर्फ से ढका देखकर आश्चर्यचकित नहीं होना चाहेंगे।
- अपने देश में एक विश्वसनीय प्रॉपर्टी ब्रोकर रखें ताकि वे आपको इस प्रक्रिया में मदद करने के साथ ही जरूरत पड़ने पर सभी चीजे ठीक तरह से संभल पाएं।
- निवेश करने का समय बुद्धिमत्ता से चुनें यानी जब मुद्रा की दरें आपके पक्ष में हों तब डील फाइनल करें, जिससे आपको कम कीमत पर बेहतर विकल्प मिल पाएं।
- यह पता कर लें कि क्या आप वीजा, आवासीय स्थिति, यात्राओं की आवृत्ति और ऐसे अन्य पहलुओं के मामले में उस देश का दौरा करने के योग्य हैं।
- कई देश आपको अंडर-डेवलपमेंट प्रॉपर्टी खरीदने और कुछ वर्षों में भुगतान करने की अनुमति देते हैं। यदि आप विदेशों में एक छोटी राशि निवेश करना चाहते हैं तो इन संपत्तियों की जांच करें और लंबे समय तक भुगतान का लाभ उठाएं। उदाहरण के लिए, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, यूएई, यूके और ऑस्ट्रेलिया।
- आखरी और सबसे जरुरी बात, उन लोगों से परामर्श करें, जो पहले से ही उस क्षेत्र में एक संपत्ति खरीद चुके हैं या विदेशी हैं, जो वहां बस गए हैं।
यह न करें:
1. जो कुछ आपको बताया गया है उस पर विश्वास न करें। अपने स्वयं रिसर्च करें या विश्वसनीय बाजार विशेषज्ञों की सेवा लें।
2. सभी संबंधित शुल्क (कानूनी, कर, बीमा, रखरखाव, दलाली, आदि) पर विचार करने के बाद खरीद मूल्य पर बातचीत करना न भूलें।
3. भाषा एक बाधा हो सकती है और इसके कारण आपको डील महंगी भी साबित हो सकती है, इसलिए हम अनुशंसा करते हैं कि आप अपनी भाषा में कानूनी नियमों और शर्तों को समझे बिना किसी भी कानूनी दस्तावेज पर हस्ताक्षर न करें।
4. विदेश में प्रॉपर्टी खरीदते समय टैक्स इम्प्लिकेशन्स को नजरअंदाज न करें क्योंकि यह काफी जटिल हो सकता है।
5. पूरी प्रक्रिया में कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करना न भूलें।
लेखिका क्रिप्टन ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक और एमडी हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय संपत्तियों और निवेश के अवसरों में विशेषज्ञता रखने वाली एक भारतीय बुटीक एजेंसी है।