केंद्रीय आर्य युवक परिषद के 35 वें वार्षिकोत्सव पर अखिल भारतीय आर्य महासम्मेलन एवं 251 कुण्डीय विराट यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। रामलीला मैदान, पी यू ब्लॉक, पीतमपुरा में आयोजित यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 26 जनवरी को 151कुण्डीय विश्व शांति यज्ञ, ध्वजारोहण, राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन एवं शिक्षा संस्कृति रक्षा सम्मेलन के उपरांत संपन्न होगा। इससे पूर्व यज्ञ ब्रह्मा आचार्य अखिलेश्वर जी द्वारा 101 कुण्डीय यज्ञ, गुरुकुल गौतम नगर एवं खेड़ा खुर्द के ब्रह्मचारियों द्वारा वेदपाठ, गौ कथा व वेद सम्मेलन, राष्ट्र रक्षा सम्मलेन, राष्ट्रीय आर्य महिला सम्मेलन, भव्य व्यायाम प्रदर्शन, भव्य संगीत संध्या एवं स्वामी दर्शनानंद शताब्दी समारोह संपन्न हुआ।
महासम्मेलन के दौरान देश के कोने-कोने से पधारे आर्य विद्वानों ने चरित्र को उन्नति का आधार बताते हुए सद्चरित्र एवं जीवन मूल्यों को आत्मसात करने पर जोर दिया। भारत विकास परिषद दिल्ली प्रदेश उत्तर के अध्यक्ष श्री राजकुमार जैन ने कहा कि आर्य समाज वेदों में वर्णित समस्त मानवजाति के प्रति भ्रातृत्व भाव एवं आपसी सहयोग की भावना के सिद्धांतो को आधार मानते हुए समाज को सच्चाई एवं ईमानदारी के पथ पर अग्रसर करने की प्रेरणा दे रहा है। अतः हमारी नैतिक जिम्मेवारी है कि हम आर्य समाज की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाएं जिससे समाज में व्याप्त बुराईयों एवं कुरीतियों का खात्मा किया जा सके।
इससे पूर्व महासम्मेलन के शुभारंभ एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मोत्सव पर आर्यों की राष्ट्रीय एकता शोभायात्रा निकाली गयी, जो रामलीला मैदान से शुरू होकर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से होती हुई पुनः शुभारंभ स्थल पर पहुंच कर संपन्न हुई। शोभायात्रा का नेतृत्व स्वामी दिव्यानंद जी, स्वामी आर्यवेश जी, स्वामी धर्ममुनि जी दुग्धाहारी, स्वामी प्रणवानंद जी, स्वामी श्रद्धानंद जी एवं स्वामी चंद्रवेश जी आदि ने किया। इसी दिन ज्वालापुर हरिद्वार के श्री आदित्य योगी, आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के महामंत्री स्वामी धर्मेश्वरानंद जी एवं वैदिक विरक्त मंडल के महामंत्री स्वामी आर्यवेश जी के पावन सान्निध्य में गौ कथा एवं वेद सम्मेलन के दौरान सुप्रसिद्ध आर्य विद्वान आचार्य धूम सिंह शास्त्री, आचार्य सुधांशु जी, आर्य तपस्वी सुखदेव जी एवं पं सहदेव बेधड़क जी के प्रेरक प्रवचन सुन बड़ी संख्या में उपस्थित आर्यजन भाव-विभोर हो गए। वहीँ श्री नरेंद्र आर्य सुमन एवं श्री आकाश आर्य जी ने कर्णप्रिय राष्ट्र-भक्ति संगीत की अनुपम धारा प्रवाहित की। आचार्य अखिलेश्वर जी ने यज्ञ कार्य संपन्न कराया।
महासम्मेलन के दूसरे दिन राष्ट्र रक्षा सम्मेलन, राष्ट्रीय आर्य महिला सम्मेलन एवं स्वामी दर्शनानंद शताब्दी समारोह में डॉ प्रेम चंद्र श्रीधर, पूर्व महापौर श्री महेश चंद्र शर्मा, श्री देवशर्मा वेदालंकार, डॉ रमा शर्मा, डॉ रचना विमल दूबे एवं आचार्य सुमेधा आर्या आदि ने प्रेरक उदगार व्यक्त किए। जबकि श्री चंद्रदेव शास्त्री, श्री तिलकराज एवं श्री प्रणवीर आर्य आदि के संयोजन में भव्य व्यायाम प्रदर्शन में आर्यवीरों ने अदभुत शारीरिक कौशल दिखलाया।
इन कार्यक्रमों में दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता, केंद्रीय आर्य युवक परिषद् के अध्यक्ष डॉ अनिल आर्य, महामंत्री श्री महेंद्र भाई, कोषाध्यक्ष श्री धर्मपाल आर्य, भारत विकास परिषद दिल्ली प्रदेश उत्तर के महासचिव श्री संजीव मिगलानी, पीतमपुरा शाखा अध्यक्ष श्री प्रदीप तायल, निगम पार्षद श्रीमती रेखा गुप्ता एवं श्रीमती ममता नागपाल सहित तमाम शीर्ष नेताओं एवं विद्वत्तजनों की गरिमामयी उपस्थिति रही।