प्रेमबाबू शर्मा
तेलुगु,तमिल, मलयालम तथा कन्नड में करीब आठ फिल्में के अलावा डावरी, ऑडोनिल, काजल, विस्पर, कालगेट आदि ऐड ऑन एयर जैसे अनेक विज्ञापनों में काम करने वाली नायिका जास्मिन भसीन इन दिनों जी टीवी शो ‘‘टशन ए इश्क’ में अभिनय कर रही है। वह अपने शो को लेकर क्या सोचती है,जानते है,उनकी ही जुबानीः
‘‘टशन ए इश्क’ शो में अपने किरदार के बारे में कुछ बताएं ?
शो में मेरा किरदार एक चुलबुली नटखट बबली गर्ल का हैं । जहां तक कहानी की बात की जाये तो यहां आपको बिल्कुल फ्रेश कहानी मिलेगी। दूसरे, लाइफ के कुछ अलग फंडे होते हैं। इश्क मोहब्बत प्यार यह पहले भी चलता था, आज भी चलता है।
सभी शो में एक ही प्रेम कहानी होने के बावजूद यह अलग है ?
यह टीवी की अन्य कहानियों से अलग हैं। इसमें आपको न तो सास बहू वाली जानी-पहचानी शक्लें दिखाई देंगी और न ही किचन में बहू या भाभी के खिलाफ बातें करती हुई सजी धजी षडयंत्र रचती औरतें दिखाई देंगी। आज जब टीवी पर जोधा अकबर जैसी पुरानी प्रेम कहानी हिट है तो आज की लव स्टोरी क्यों नहीं चल सकती, एक ऐसी लव स्टोरी जिससे आज की यंग जनरेशन रिलेट करेगी।
ऐसा लगता हैं जैसे यह भूमिका आपको पंजाबी होने के नाते प्लेट में सजी हुई मिली ?
ऐसा बिल्कुल नहीं था। शो के प्रोडयूसर को मेरे बारे में सब पता था। बावजूद इसके मुझे बाकायदा ऑडिशन देना पड़ा। मेरे कई लुक टेस्ट हुये। इसके बाद कुछ दिन वर्कशॉप भी हुआ। तब कहीं जाकर मुझे इस भूमिका के काबिल समझा गया।
आप खुद पंजाबी हैं तो पंजाबियों की क्या बात सबसे अच्छी और सबसे बुरी लगती है ?
पंजाबियों की सबसे अच्छी बात मुझे यह लगती है कि वे खाने-पीने का शौक रखते मस्तमौला किस्म के होते हैं। लेकिन जिस तरह उनका प्यार बड़ा होता है उसी तरह उनकी गालियां भी बड़ी-बड़ी होती हैं।
साउथ और यहां काम करने में क्या फर्क लगा ?
कुछ खास नहीं। वहां भी एक्टिंग करनी पड़ती थी और यहां भी एक्टिंग ही करनी होती है। सबसे अच्छा यह रहा कि मुझे बहुत ही अच्छा प्रोडक्शन हाउस मिला, जिनके साथ काम करते हुये मुझे घर जैसा अनुभव मिल रहा है।
राम सेठी तथा बीना मुखर्जी जैसे लीजेंड कलाकारों के साथ काम करना कैसा रहा ?
मेरे लिये अभिनय नया नहीं था, लोग नये थे लेकिन टच्वुड, राम सेठी जी कों बरसों का अनुभव है, इसी तरह बीना जी ने भी अभी तक सैंकड़ों फिल्में की हैं। इन सभी ने जरा भी एहसास नहीं होने दिया कि मैं उनके लिये नई हूं और अब तो हम ऐसे काम करते हैं जैसे बरसों से एक दूसरे को जानते हों।
टीवी पर अपने पहले शो को लेकर क्या सोचती हैं ?
मैं बहुत खुश हूं क्योंकि पहले ही शो में बढ़िया चैनल, अच्छा टाइम स्लॉट, अच्छे सह कलाकार और अच्छी भूमिका। ऐसे शो से डेब्यू करना मेरी खुशनसीबी नहीं तो और क्या है।
आपकी बतौर एक्टर, कहां से और कैसे शुरुआत हुई ?
हम बेशक पंजाबी हैं लेकिन बरसों पहले हमारा परिवार कोटा में आ बसा था। मेरी पढ़ाई-लिखाई, स्कूलिंग कोटा में हुई और ग्रेजुएशन जयुपर से किया। इसके बाद दिल्ली के होटल ताज में सर्विस करने लगी। उन्हीं दिनों मुझे एक विज्ञापन फिल्म का ऑफर मिला तो मैंने उसे यह समझते हुये करने का मन बना लिया कि चलो इससे अपनी शॉपिंग का खर्चा निकलता रहेगा। विज्ञापन करते-करते मुझे साउथ की फिल्मों के ऑफर मिलने लगे तो नौकरी छोड़ मैं साउथ आ गई। वहां मैंने तेलुगु,तमिल, मलयालम तथा कन्नड में करीब आठ फिल्में की। लेकिन विज्ञापन फिल्में साथ चलती रही। आज भी डावरी, ऑडोनिल, काजल, विस्पर, कालगेट आदि ऐड ऑन एयर हैं। चूंकि मेरी आखरी मंजिल तो बॉलीवुड ही थी, इसलिये यहां मैंने टीवी से शुरुआत करने का सोचा।