दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन दिल्ली शहर में क्वैक प्रथाओं के बारे में गहराई से चिंतित है। झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ अरविंद चोपड़ा राज्य सचिव दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन,डीएमए ने कहा कि दो दिन पहले नई दिल्ली जिला सरकार का नोडल अधिकारी इंद्रपुरी के बुद्ध नगर इलाके में गया ।क्योंकि इस कोरोना महामारी में यह एक हाॅटस्पाॅट क्षेत्र था। उन्होंने एक क्वैक यानि झोलाछाप आर के शर्मा के द्वारा संचालित एक क्लिनिक पाया जो रोगियों को दवा दे रहा था। उसके पास कोई डिग्री नहीं थी। सांस लेने में कठिनाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा टैब Deriphyline को मरीज को दे रहा था। सांस लेने में तकलीफ एक सिम्टम है कोविड-19 मरीज का। वह स्टेरॉयड भी दे रहा था।
पूछताछ करनेपर पता चला कि वह तथाकथित डाॅ. आर के शर्मा की ओर से दवाएँ दे रहा है। इस पर नोडल अधिकारी ने श्री शर्मा को कागजात के साथ कार्यालय आने को कहा। श्री शर्मा ने रिपोर्ट नहीं की और तब पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया। इसके अलावा, एसडीएम के कार्यालय ने बुद्ध नगर के क्षेत्र में ऐसे सभी क्वैक क्लीनिकों की खोज की और उन्हें जब्त करने का आदेश दिया। डीएमए के अध्यक्ष डॉ।श गिरीश त्यागी ने कहा कि यहां यह बताना उचित है कि कोविड-19 की महामारी के इस कठिन समय में भी क़रीब 30000 क्वैक्स निर्दोष नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए डीपीसीसी के साथ पंजीकृत नहीं हैं। पहले भी कार्रवाई के लिए डीपीसीसी को क्वैक्स की सूची भेजी गई थी, लेकिन डीपीसीसी अधिनियम के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।
डीएमए की ओर से हम संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसे सभी क्वैक क्लीनिक की तलाशी लेने और जब्त करने के लिए पूरी राजधानी में इस तरह के नोटिस जारी करें और निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करें।बुद्धनगर के केस में एफआईआर दर्ज कराई गई है PS inderpuri, FIR नंबर 0271, दिनांक 4/5/2020 Ipc 188,419,420, महामारी रोग अधिनियम 1997 Sec 3, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 Sec 51b, दिल्ली मेडिकल काउंसिल अधिनियम 1997 Sec 26/27् डीएमए आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टरों से भी अपील करता है कि वे आगे आएं और अपने क्लीनिकों को सभी सावधानियों के साथ खोलें और कोरोना-लाॅकडाउन जैसी संकट की घड़ी में गरीब और जरूरतमंद मरीजों का इलाज करें, ताकि राजधानी शहर में मासूम लोगों के जीवन से खिलवाड़ न हो सके।
(आरजेएस पॉज़िटिव मीडिया रिपोर्ट)