संस्थान के महानिदेशक श्री जमील अहमद की अध्यक्षता में सूक्षम शल्य चिकित्सक डॉ. अनुज एवं सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक एवं चिंतक शिक्षाविद् श्री दयानंद वत्स के सान्निध्य में किया गया । संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ‘डॉ. अनुज’ द्वारा लिखित जीवंत उपन्यास ‘दैट ऐरोटिक साइलेंस’ एवं काव्य संग्रह भावरंजिनी का भव्य विमोचन श्री जमील अहमद, शिक्षाविद् दयानंद वत्स एवं समाज सेविका श्रीमती नीतू सिंघल जैन के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विमोचित पुस्तकों पर अपने विचार प्रकट करते हुए श्री दयानंद वत्स ने कहा कि डॉ. अनुज की रचनाओं में आज के असंवेदनशील समाज को मानवीय मूल्यों के प्रति सजग बनाने का सार्थक प्रयास किया गया है। श्री वत्स ने भावरंजिनी संग्रह से डॉ. अनुज की दो कविताओं आलिंगन और मुलाकात का सस्वर पाठ भी किया और कहा कि पेशे से शल्य चिकित्सक डॉ. अनुज के रुप में समाज को एक संवेदनशील कवि के भी दर्शन होते हैं। उनका रचना संसार उनके मन की भावाभिव्यक्ति को मुखरता से उजागर करने में सफल सिद्ध हुआ है।
इसी ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा करते हुए ‘डॉ. अनुज’ ने ‘राष्ट्र-निर्माण में युवाओं के समग्र विकास के योगदान’ को बड़ी ही बारीकि से समझाया साथ ही इस पहल मेंयुवाओं की भूमिका को भी चिन्हित किया। इस मौके पर ‘समग्र विकास’ के दस पुरोधाओं को उनकी समाज सेवा के क्षेत्र में की गई सराहनीय सेवाओं और उल्लेखनीय योगदान के लिए शिक्षाविद् दयानंद वत्स, डॉ. अनुज, सुश्री उषा ठाकुर, श्रीमती नीतू सिंघल, श्री विपिन शर्मा, शिवांगी
श्रीवास्तव, श्री ऋषि मिश्रा, श्री सुशील एवं.श्रीमती सुनीता वकील, श्री राजेश कुमार को संस्थान के महानिदेशक श्री जमील अहमद और प्राचार्य डॉ. बी. सरन ने सर्वोत्तम एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया। समारोह का संचालन डॉ. अर्पिता एवं श्री बिपिन शर्मा ने किया।