10 सितंबर से चल रहे सकारात्मक भारत-उदय संकल्प के साथ आरजेएस की बिहार की यात्रा 19 सितंबर 2022को वापस दिल्ली पहुंचकर संपन्न हो गई। आरजेएस ऑब्जर्वर दीप चंद माथुर ने यात्रा की उपलब्धियों को संतोषजनक बताया। कहा कि ये यात्रा सकारात्मक भारत आंदोलन में उत्प्रेरक का काम करेगी।
यात्रा के समापन अवसर पर अशोकपुरी ,पटना में इक्यानबेवां आजादी की अमृत गाथा का आयोजन संयुक्त राष्ट्र विश्व शांति दिवस (21 सितंबर)के उपलक्ष्य में किया गया।
राम जानकी संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि इस अवसर पर आरजेएस सकारात्मक आंदोलन के प्रेरणास्रोत और राष्ट्रीय सम्मान के प्रदाता श्री रामजग सिंह-श्रीमती जनक दुलारी देवी को आरजेएस का प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया। इन्होंने स्व० लालदेव सिंह -छठी देवी और स्व० दूजा सिंह -राजपातो देवी की स्मृति में शहीद भगत सिंह के नाम अवार्ड घोषित किया है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण शिक्षक और राष्ट्रीय सम्मान के प्रदाता श्री रत्नाभ प्रसाद ने किया। इन्होंने अपने पिताजी स्व० गुरु सहाय प्रसाद की स्मृति में डा एपीजे अब्दुल कलाम के नाम का राष्ट्रीय सम्मान घोषित किया है।सभी दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना के साथ श्रद्धांजलि दी गई और विश्व शांति की कामना की गई। विगत् 13 सितंबर को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन सभागार में आयोजित भव्य कार्यक्रम में ये राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया था। फीजिकल और वर्चुअल इस कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका अनुराधा सिंह ने किया। चालीस मोटीवेशनल पुस्तकों के लेखक जेपीएस जाॅली ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि फसलों को बचाने के साथ साथ नस्लों को भी बचाने की जरूरत है।इसके लिए भाषण नहीं स्वयं उदाहरण बनने की जरूरत है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में द टेंपल ऑफ अंडरस्टैंडिंग इंडिया फाउंडेशन के महासचिव ने कहा कि हथियारों के जखीरा खरीदने में देश जितना पैसा खर्च करते हैं,उसे कम करके पैसा जन कल्याण की योजनाओं में लगना चाहिए। कार्यक्रम में वर्चुअली पटना प्रभारी ओमप्रकाश झुनझुनवाला, सुदीप साहू(गाजियाबाद) डा मुन्नी कुमारी,दिलीप वर्मा ,मयंक और आकांक्षा उपस्थित रहे।