अरविंद केजरीवाल को बधाई एवं सवाल – डॉ0 उदित राज


डॉ0 उदित राज, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अनुसूचित जाति/जन जाति संगठनो का अखिल भारतीय परिसंघ ने आम आदमी पार्टी के संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल को बधाई दी। उनका मानना है कि जो बात आम आदमी पार्टी के नेता कहते हैं, उसको करके भी दिखाते हैं। दिल्ली की जनता ने अपार समर्थन इसी विश्वास के साथ दिया।

अरविंद जी! आपकी कार्य-प्रणाली एवं सिद्धांत को देखते हुए यह जानना चाहूंगा कि अनुसूचित जाति/जन जाति का आरक्षण कब और किस तरह से खत्म करेगें? आपने 2 अगस्त, 2008 को ताप्ती छात्रावास, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में आरक्षण खत्म करने का उद्घोष किया था। यूथ फॉर इक्वालिटी फोरम के द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस फोरम के आप सक्रिय नेतृत्व थे और इसकी स्थापना ही आरक्षण के विरोध में की गयी थी। अन्ना हजारे के साथ जब जन लोकपाल बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो उस समय भी हमने सवाल किया था कि आपके बिल में एन.जी.ओ. उद्योगजगत एवं मीडिया में भ्रष्टाचार को क्यों नहीं शामिल किया गया है? लोकपाल में दलितों एवं पिछड़ों का आरक्षण हो, इस पर भी सवाल पूछा गया था, लेकिन आप चुप रहे। अनुसूचित जाति/जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ निजी क्षेत्र में आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहा है, इसका आप समर्थन करते हैं या विरोध, अभी तक स्पष्ट नहीं किया।

आपकी पार्टी 28 सीट दिल्ली विधान सभा चुनाव में जीत गयी है। कांग्रेस ने बाहर से सहयोग देकर सरकार बनाने के लिए कहा है, फिर भी आप लोग इस जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हैं। आप पार्टी ने जिन मुद्दों और समस्याओं पर लोगों का समर्थन प्राप्त किया है, क्या उसे आप लागू नहीं करना चाहते हैं? आप लोग ईमानदार एवं सैद्धांतिक व्यक्ति हैं, इसलिए सरकार बनाकर बिजली की दर 50 प्रतिशत कम करने का काम शीघ्र करना चाहिए, यह आपका प्रमुख वायदा था। इससे गरीबों का बड़ा उपकार होगा। सफाई कर्मचारियों को नियमित करने का भी वायदा किया है। अनियमित कॉलोनियों को भी सरकार बनाकर नियमित कर सकते हैं। सरकार बनाएंगें तो भ्रष्टाचार भी मिटाने में सहयोग मिलेगा। आपके घोषणापत्र में वायदा किया गया कि लोगों को पानी पर्याप्त दिया जाएगा, गंदे पानी का निकास, स्ट्रीटलाइट, शौचालय, यातायात की सुविधा, महंगाई पर अंकुश, आवास की सुविधा, 15 दिन के अंदर जनलोकपाल बिल बना देना, डबलडेकर फ्लाईओवर ब्रिज, मुसलमानों के खिलाफ फर्जी मुकदमों की वापिसी, 1984 में सिक्खों के साथ हुई ज्यादती को न्याय, दलितों को व्यापार करने के लिए 0 प्रतिशत ब्याज पर पूंजी उपलब्ध कराना, दिल्ली विश्वविद्यालय में 4वर्षीय पाठ्यक्रम का खात्मा इत्यादि है। सरकार बनाकर ही इन वायदों को पूरा किया जा सकता है। कांग्रेस के सहयोग से यदि आप सरकार बनाते हैं और आपके घोषणा-पत्र की मांगों को लागू करने में यदि आपका वह साथ नहीं देती है तो हानि कांग्रेस की ही होगी, न कि आपकी। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो जनता को लोक सभा के चुनाव तक सपने दिखाकर समर्थन हासिल करने की राजनीति कर रहे हैं, न कि भ्रष्टाचार मिटाना, आम लोगों के जीवन की बुनियादी सुविधाएं देना और विकास करना।