आदर्श ग्रामीण समाज के तत्वावधान में आज उत्तर पश्चिम दिल्ली के बरवाला गांव में विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दयानंद वत्स की अध्यक्षता में भूख और कुपोषण मुक्त भारत विषयक एक सार्थक परिचर्चा का आयोजन किया गया। अपने संबोधन में श्री वत्स ने कहा कि आजादी के 70 सालों के बाद भी खाद्य सुरक्षा ओर भूख एवं कुपोषण मुक्त भारत की कल्पना आज भी एक दिवास्वप्न बनकर रह गयी है। खाद्य सूचकांक के आंकड़े भी भारत के लोगों के लिए सुखद नहीं हैं।
एक और देश के करोडों बच्चे कुपोषित हैं और शिशु मृत्यु दर बढने से स्थिति की भयावहता का अंदाजा सहज ही हो जाता है। उत्सवों के अवसरों पर हजारों टन भोजन भारत में भूखों के पेट की बजाय कूडे में चला जाता है। खाद्य पदार्थों की बरबादी पर हमें तनिक भी दुख नहीं होता। इसलिए इस विश्व खाद्य दिवस पर हमें भोजन की बरबादी रोकने के लिए राष्ट्र व्यापी जन जागरूकता अभियान चलाने की महती आवश्यकता है। श्री वत्स ने कुपोषण ओर भूख मुक्त भारत के निर्माण के लिए सभी देश वासियों से आगे आने का आहृवान किया है।