छोटे और मंझौले अखबारों के साथ भेदभाव के खिलाफ लड़ाई तेज करेगा एनयूजे


नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ;इंडियाद्ध ने मध्यम और लघु समाचार पत्रों को विज्ञापन देने में सरकारी भेदभाव के खिलाफ नाराजगी जताई है। एनयूजे ने कहा है कि इन अखबारों को विज्ञापन न मिलने के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण इन अखबारों में कार्यरत पत्रकारों की रोजी.रोटी खतरे में पड़ गई है। बड़ी संख्या में अखबार बन्द होने से हजारों श्रमजीवी पत्रकार बेरोजगार हो गए हैं। 

एनयूजे की श्रावस्ती में 23 और 24 अप्रैल को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छोटे और मंझौले अखबारों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला किया गया। बैठक का उद्घाटन केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री डाण्महेश शर्मा ने किया। इस अवसर पर डाण् शर्मा ने कहा कि पत्रकारों की समस्याओं को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। एनयूजे नेतृत्व के साथ दिल्ली में बैठक कर सभी समस्याओं पर गौर किया जाएगा।

डाण्शर्मा ने कहा कि मीडिया समाज का आईना होता है और आईना कभी झूठ नहीं बोलता है। भ्रष्टाचार और बेइमानी को समाज के सामने लाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सांसद जगदम्बिका पाल और दद्दन मिश्रा ने भी छोटे और मंझौले अखबारों की समस्याओं को सरकार के सामने रखने का आश्वासन दिया। 

एनयूजे के अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि संगठन पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने और मीडिया काउंसिल तथा मीडिया कमीशन के गठन की मांग को लेकर संघर्ष जारी रखेगा। साथ ही पेड न्यूज और अखबारों तथा चैनलों में जबरन छंटनी के खिलाफ आन्दोलन चलाया जाएगा। बैठक में मजीठिया वेज बोर्ड को लागू कराने के साथ ही नए वेज बोर्ड के गठन तथा श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम में बदलाव करने की मांग की गई।

एनयूजे महासचिव रतन दीक्षित ने कहा कि संगठन पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष को तेज करेगा। देशभर में एनयूजे की मांगों को लेकर प्रदर्शन किए जाएंगे। बैठक को एनयूजे कोषाध्यक्ष दधिबल यादवए उपाध्यक्ष सुरेश शर्माए ब्रह्मदत्त शर्माए अमरनाथ वशिष्ठ और सचिव मनोज वर्माए भूपेन गोस्वामीए संगठन मंत्री ललित शर्मा ने छोटे और मंझौले अखबारों के पत्रकारों की समस्याओं पर विचार व्यक्त किए। बैठक में शामिल पत्रकारों ने केंद्र सरकार के डीएवीपी और राज्यों के सूचना विभाग में जारी भ्रष्टाचार को लेकर चिंता जताई। सभी सदस्यों ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण ही ईमानदारी के अखबार निकालने वाले पत्रकारों को विज्ञापन नहीं मिलता है।

एनयूजे के पूर्व अध्यक्ष और प्रेस काउंसिल के सदस्य प्रज्ञानंद चौधरीए पूर्व महासचिव प्रसन्न मोहंतीए पूर्व कोषाध्यक्ष मनोहर सिंहए मनोज मिश्र आदि ने नए वेज बोर्ड के गठन की मांग रखी। बैठक में अनुबंध प्रथा को समाप्त करने और अन्य मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए।