आखिर झूठी शान में रखा ही क्या है

प्रेमबाबू शर्मा

 कहते है की कामयाबी को पचाना भी बहुत ही मुश्किल बात है। यह बात कलाकार कृतिका पर स्टीक बैठती है। चंद धारावाहिकों की कामयाबी उनसे पहुंचाई ही नहीं जा रही है। ऐसा ही नजारा देखने को मिला धारावाहिक झांसी की रानी के सेट पर। जिसमें कृतिका पर एक सुरंग में फंसने का दृश्य फिल्माना जाना था। निर्देषक बिना किसी जोखिम के यह सीन करना कृतिका के डुप्लीकेट का सहारा लेकर पूरा कर लेना चाहते थे। लेकिन कृतिका इसके लिए तैयार ना होकर स्वयं ही इसके लिए तैयार हो गई। निर्देषक का साफ कहना था कि वे रिस्क नहीं लेना चाहते क्योंकि उसको कुछ हो गया तो उनका लाखों का नुकसान होगा। लेकिन दुसरों के नुकसान की परवाह किये बिना उस शॉट को स्वंय कृतिका ने किया । झूठी शान में वह उस सुरंग में तो घुस गई लेकिन सुराग के अंदर के वातावरण को देखकर वे घबराह गई और अंदर दमघोट गर्मी की वजह से अचेत हो गई। वो भगवान का शुक्र था कि सेट पर मौजूद डॉक्टर तुरंत भागे और कृतिका को पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां उन्हें दिन भर आराम करने को कहा गया। इस सारे नजारे को देखकर सेट पर तरह तरह की बाते होती रही। निर्देषक अपनी रूकी शूटिंग और बेकार के खर्चे की दुहाई देता रहा। जबकि कृतिका देश के नेता के अंदाज कहती है, मैं पिछले कई महीनों से प्रतिदिन 16 घंटे शूटिंग कर रही थी, और इसका असर मेरे स्वास्थ्य पर भी हो रहा था। किसी सुरंग के अंदर शूटिंग के दौरान भारी लाईट की व्यवस्था की जाती है और हमें बेहतरीन शॉट के लिए कई बार रिटेक करने पड़े। मैं खुद भी इसको लेकर रोमांचित थी, लेकिन मैंने इसे खतरनाक नहीं माना और लगातार शूटिंग करती रही। लक्ष्मीबाई जैसे कालजयी किरदार की भूमिका मेरे लिए बेहद प्रेरणास्पद है और इसी वजह से मैं पूरे जोश के साथ हर दृश्य करती हूं। यहां उन्हें एक झील को पार करके जाना था। आखिर ऐसी झूठी शान में क्या रखा है कृतिका। अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो क्या होता।