संयमित जीवनशैली रखे हृदय रोग से दूर: डॉ. विमल छाजेड़

अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त हृदय रोग विशेषज्ञ एवं साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग (साओल) के संस्थापक डॉ.विमल छाजेड़ द्वारा सेक्टर-7, रोहिणी में हृदय रोग बचाव शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

शिविर के दौरान डॉ.विमल छाजेड़ ने हृदय रोग विषय पर स्लाइड प्रजेंटेशन के माध्यम से उपस्थित लोगों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की जीवन शैली में बीते कुछ सालों में काफी तेजी से बदलाव आए हैं। जिनके परिणाम स्वरूप हृदय रोगों में भी इजाफा हुआ है। दोषपूर्ण भोजन विधि, मादक पदार्थों का सेवन तथा परिश्रमरहित जीवनशैली दिल के दौरे का जोखिम बढ़ा रहीं हैं। डॉ.विमल छाजेड ने बताया कि “हृदय“ हमारे शरीर में रक्त का संचार वाहक ही नही अपितु “प्राण“ का केन्द्र बिन्दु है। हमारा हृदय 1 मिनट में 5 लीटर रक्त पम्प करता है। मोटोनरी नामक मुख्य धमनिया 18 उपशाखाओ के साथ पूरे शरीर में रक्त की गतिविधि को नियंत्रित करती है। इन्ही किसी धमनियों में रक्त प्रवाह में रूकावट आने पर इन्जाइना एवं हार्टअटैक होता है।

डॉ.विमल छाजेड ने कहा कि सीने में दर्द होने पर तत्काल चिकित्सा अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान में चिकित्सा प्रणाली में काफी सुधार हुआ है और हृदय रोगों की आधुनिक चिकित्सा अब अधिक सुरक्षित नतीजे देती है। उन्होंने कहा कि जब हम इतने हाईरिस्क फैक्टर के साथ जी रहे हैं तो क्यों न हम विशेषज्ञ के परामर्श अनुसार अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाएं और लंबी उम्र तक स्वस्थ रहने की कोशिश करें।

अपार इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्युशंस के फाउंडर चेयरमैन श्री राजकुमार जैन ने कहा कि हममें से अधिकांश लोग जानते तो बहुत कुछ हैं लेकिन समझते नहीं। डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपायों एवं परहेजों पर पूरी तरह अमल करने की बजाय लोग उसमें भी घालमेल शुरू कर देते हैं। जिससे वांछित परिणाम पूर्णतया हासिल नहीं होते। अतः हमें रोग विशेषज्ञ के परामर्श पर शत-प्रतिशत अमल करना चाहिए। शिविर के दौरान हृदय रोग से बचाव में प्रभावी योगासन एवं बिना तेल-घी के प्रयोग से भोजन बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया।