एडिक्ट होना घातक हो जाता है फिर चाहें आप किसी भी चीज के एडिक्ट क्यों न बनें। यह एडिक्शन हो सकता है की 1 0 वर्षों में एपिडेमिक का रूप धारण कर लें ।मोबाइल फोन का उपयोग जानना जरूरी है। दुर्भाग्य यह है कि लोग आजकल सुविधा के नाम पर दुरूपयोग का आनंद लूट रहे हैं।
7 0 % उपभोगकर्ता अपने मोबाईल को सदेव अपनी पहुँच की सीमा में ही रखते हैं अधिकतर जेब में , हाथों में या पर्स में रखते हैं और सोते समय तकिये के नीचे या सर के पास रखते हैं । अधिकतर लोग दिन में एक बार से अधिक अपने मोबाइल को चार्ज करते हैं । कई बार बार अपने मोबाइल में चार्जिंग स्टेटस , बैलेंस अमाउंट चेक करते हैं । 4 0 % से अधिक मोबाईल उपभोगता बात करने के अलावा टाइमपास करने के लिए मोबाइल पर ही निर्भर रहते हैं ।
Ring Anxiety – लगभग 3 0 % मोबाइल उपभोगकर्ता को 3 0 मिनट में कोई भी रिंग नहीं आती है तो उन्हें मानसिक तनाव हो जाता है ।
Nomophobia – लगभग 5 0 % मोबाइल उपभोगकर्ता इस खोफ्फ़ में जीते हैं की कहीं उनका मोबाइल चोरी न हो जाए । इसके लिए वे बार बार उस जगह को चेक करते रहते हैं जहां वे अपना मोबाइल रखते है ।
Stiff Neck – लगातार एक ही हाथ में मोबाइल पकड़ कर अपने गर्दन को एक ही साइड में झुककर मोबाइल का उपयोग करने से गर्दन में दर्द और अकडन हो सकती है ।
Phantom Ringing – लगभग 3 0 -4 0 % मोबाईल उपभोगता को कभी – कभी लगता है की उनके मोबाइल की रिंग बज रही है, जब की वास्तव में ऐसा होता नही है । इसी चक्कर में वे बार बार अपना मोबाइल चेक करते है ।
टीवी के पश्चात फेसबुक पारिवारिक कलह का माध्यम बनता जा रहा है । लगभग 2 0 % परिवार इससे प्रतिकूल रूपसे प्रभावित हैं । जबकि 3 0 % अभिभावक और बच्चों के बीच स्मार्टफोन कलह और अलगाव का कारण बन रहा है ।
नैतिक पतन – मोबाइल ब्लैकमेलिंग का सुलभ साधन बन गया है।अश्लील तस्वीरें और संदेश के प्रसारण में मोबाइल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मोबाइल के द्वारा टीनएजर्स अपराध के नये-नये गुर सीख रहे हैं। 2 2 % मोबाईल फ़ोन धारक जो मोबाइल फ़ोन को अपना स्टेटस सिम्बल समझते हैं , वे लेटेस्ट फ़ोन मॉडल्स और कीमती मॉडल्स खरीदने के लिए हमेशा बेताब रहते हैं । मोबाइल झूठ बोलने वालों और गप्पे मारने वालों के लिए तो वरदान साबित हो रहा है । निम्न मध्यम वर्ग पर मोबाइल का बड़ा गहरा प्रभाव पड़ रहा है। पेट में रोटी न रहे चलेगा, जेब में मोबाइल जरूरी है। टॉपअप जरूरी है। रिचार्ज कूपन जरूरी है। स्कूल-कॉलेज पढ़ने वालों के पास लंच बॉक्स न रहे चलेगा, मोबाइल जरूरी है।
Blackberry Thumb – wiiitis, nintendinitis, playstation thumb या cellphone thumb आदि नामों से जाने वाला यह रोग अंगूठे में बंकि की चार उँगलियों के मुकाबले dexterity [निपुणता ] की कमी के कारण होता है । इसमें PDAs, smartphones, और अन्य मोबाइल devices में अंगूठे द्वारा बार – बार बटन प्रेस करने से उसके nerves में स्ट्रेन आ जाता है , अंगूठे के साथ साथ कलाई पर भी थ्रोब्बिंग पेन नज़र आ सकता है ।
Cellphone Elbow – लगातार एक ही हाथ में मोबाइल रख कर बातें करने से ulnar nerve में खिचाव आने से एल्बो पेन हो सकता है ।
ड्राइविंग करते समय मोबाईल का प्रयोग – ड्राइविंग के समय मोबाईल का प्रयोग करना अल्कोहल के नशे में गाडी चलाने से अधिक घातक सिद्ध हो सकता है ।
अन्य रोग – स्मार्ट फ़ोन के अधिक इस्तमाल से सरदर्द , blurred vision, गर्दन में दर्द, आँखों का लाल होना , थकावट , ड्राई eyes , वर्टिगो/ dizziness , polyopia [एक से अधिक दिखाई देना ] , तनाव और अनिद्रा जैसी व्याधियां होने की संभावना अधिक रहती है । मोबाइल की लगभग 20% कॉल्स मार्केटिंग कॉल्स होती हैं जिनसे उपभोगकर्ता में खिन्नता और गुस्सा उत्पन्न होता है ।
मोबाईल फ़ोन एडिक्शन रोकने के लिए HCFI [HealthcareChristian Fellowship International] और IMA [Indian medical association] के कुछ सुझाव
*जरुरत न होने पर प्रति दिन 2 घन्टे से अधिक मोबाईल पर बातें न करें ।
*दिन में एक ही बार मोबाइल चार्ज करें , यदि दुबारा डिस्चार्ज हो जाता है और इमरजेंसी नहीं है तो अगले दिन उसे चार्ज करने की प्रतीक्षा करें ।
*स्मार्ट फ़ोन के उपयोग में अंगूठे की जगह अन्य उँगलियों का भी प्रयोग करें ।
*सोने से आधे घन्टे पहले इलेक्ट्रॉनिक कर्फ्यू रखे यानी कोई भी इलेक्ट्रॉनिक का सामान इस्तमाल न करें ।
*सोशल मीडिया एडिक्शन से बचने के लिए 3 महीनों में एक बाद एक हफ्ते के लिए इन फेसबुक, ट्विटर आदि नेटवर्किंग साईट से दुरी बना कर रखे । सात दिन में एक दिन मोबाइल का न्यूनतम प्रयोग करें ।
*गर्दन में दर्द से बचने के लिए हैण्ड फ्री सेट का प्रयोग करें |
*ड्राइविंग करते समय मोबाईल का इस्तमाल न करें यदि इमरजेंसी भी हो तो गाडी साइड में खड़ी करके बातें करें ।
*अनावश्यक सेल / मार्केटिंग की कॉल्स, स्पैम टेक्स्ट्स, जंक मेल को मोबाइल में ब्लॉक करके रखे ।
*जिन्हें मोबाइल का प्रयोग प्रोफेशनल डिमांड अनुसार अधिक करना पड़ता है वे मोबाइल का सीधा उपयोग करने के स्थान पर हैडफ़ोन तथा माइक्रोफ़ोन का उपयोग करें |
करोड़ों हाथों में मोबाइल पकड़ा कर कई कंपनियों ने अरबों का कारोबार कर लिया, सभी मस्त हैं मोबाइल-मोबाइल खेलने और बेचने में। लेकिन यदि शीघ्र ही हमने मोबाइल की उपयोगिता की लक्ष्मण रेखा नहीं खिंची तो हो सकता है की मोबाइल एडिक्शन एक खतरनाक रोग बन कर सामने आये ।