भारतीय योग संस्थान द्वारा ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना और ऋतुराज वसंत के आगमन का विशेषउत्सव वसंत पंचमी श्रद्धा एवं उल्लास से मनाई गई। योगाश्रम एवं अनुसंधान केंद्र, मंगलम् प्लेस, रोहिणी में इस मौके पर सामूहिक योगसाधना की गयी। साथ ही श्रेष्ठ साधना केन्द्रों के प्रमुखों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रधान श्री जवाहरलाल,महामंत्री श्री देशराज, सचिव श्री रायसिंह चौहान, कोषाध्यक्ष श्री गिरधारी लाल, दिल्ली प्रांत प्रधान श्री ललित गुप्ता, सचिव श्री वेदप्रकाश राठीएवं प्रवक्ता श्री राजकुमार जैन समेत बड़ी संख्या में साधक मौजूद रहे।
इस अवसर संस्थान के प्रधान श्री जवाहरलाल जी ने कहा कि ऋतुराज वसंत के आगमन से प्रकृति ही नहीं मानव जीवन में भीउमंग-जोश दिखाई देता है। जिस तरह हमारे जीवन में बाहर की ऋतुओं का प्रभाव होता है, ठीक वैसे ही मनुष्य की अंतःचेतना में अंतरंगमौसम होते हैं। योग-साधना में जीने वाला व्यक्ति अपने हृदय में वसंत को निरंतर बनाए रखने की क्षमता पैदा कर लेता है।
प्रवक्ता श्री राजकुमार जैन ने बताया कि माननीय प्रेरणापुरुष स्व.श्री प्रकाशलाल जी द्वारा 10 अप्रैल 1967 को स्थापित भारतीय योगसंस्थान द्वारा देश-विदेश में सैकड़ों शाखाओं के माध्यम से योग के तत्व को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य निरंतर चल रहा है।