किरदार के साथ न्याय करना ही मकसद है: श्रेया अंगना

प्रेमबाबू शर्मा

छोटे पर्दे पर आगमन कर रही नवोदित अभिनेत्रियों में एक नाम और जुड गया है। तीखे नयन नक्श वाली सुंदर बाला श्रेया झा छोटे पर्दे पर एंट्री करने वाली भाग्य शाली अदाकारा है जिन्हे टेलीविजन पर प्रथम मौका राजश्री जैसे चर्चित बडे़ बैनर में मिला है। सहारावन टेलीविजन पर सफलतापूर्वक दिखाये जा रहे सीरियल ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ में श्रेया अगंना रायचंद की भूमिका में नज़र आ रही है। अगंना के किरदार में वो पहले एपीसोड से ही चर्चा में आ गयी है। सेट पर एक विशेष बातचीत के दौरान उनसे उनके कैरियर और धारावाहिक के बारे में हुई बातचीत। बातचीत के दौरान उनका आत्मविश्वास उनकी बातों में साफ नज़र आया।



अपने अभिनय कैरियर के बारे में बतायें?

मुझे बचपन से ही अभिनय का शौक था। देहरादून में मेरा जन्म हुआ और बी.काम करने के बाद मैने शुरू कमर्शियल विज्ञापन फिल्में करनी शुरू कर दी। टीवी पर आने से पहले मैने 6 फिल्में तेलुगु, बंगला और उडिया में की। इन फिल्मों में काम करने का मुझे फायदा ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ में मिला। मुझे ओडिशन देने के बाद लीड भूमिका मिल गयी। 

अपने किरदार को लेकर क्या कहना चाहेंगी?
मेरा किरदार अलग ढंग का है। अगंना रायचंद एक अमीर खानदान की बिगडी हुई लडकी है जो चुलबुली तो है पर सब की पंसदीदा है। वह लाड-प्यार से पली बढ़ी है। जो मानती है कि दुनिया की हर खुशी उसके दरवाजे तक आती है। मैने इस सीरियल में पूरी कोशिश की है मेरा करैक्टर सशक्त लगे।

अगंना रायचंद की भूमिका को आप कैसा मानती है?

मैं धारावाहिक के ज्यादातर एपीसोड में हू। मुझे यह किरदार बड़ा चैलेजि़ग लगता है। बडी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह जिसमें दर्शकों को मेरे किरदार में विविधता नज़र आयेगी।

इस धारावाहिक में महिला किरदार ज्यादा मजबूत लगते है?
इस धारावाहिक की कहानी में मनोरजंन और ट्विस्ट हैं और महिलाओं के जानदार किरदार इसकी विषेषता है। सुधा चद्रंन मेरी मां की भूमिका में है। यह किरदार अपने आप में एक अलग ढंग का है। घर जमाई की परंपरा पर आधारित इस अनूठी प्रेम कहानी में महिलाओं के किरदार पुरूषों पर ज्यादा हावी लगते है।

सह कलाकारों के साथ काम करने के अनुभवों के बारे में बतायें?
मेरी यह खुशकिस्मती कहिए कि मुझे सुधा चद्रंन जैसी सशक्त अदाकारा के साथ काम करने का मौका मिला है। बचपन से उनकी अभिनय की फैन हू और इस सीरियल द्वारा उनके साथ काम करने का अवसर भी मिल गया है। मेरे लिये यह बडे़ गर्व की बात है। बाकी जितेन्द्र चैहान और मेरे पति की भूमिका निभा रहे पंकज तिवारी भी बढि़या कलाकार है जिनके साथ काम करके मुझे बड़ा आनंद आ रहा है।

अपने परिवार के बारे में बतायें?
मेरी मां अमरदीप झा थिएटर की कलाकार है। पिता शेखर कुमार झा पत्रकार थे वो अब इस दुनिया में नही है। मां को देखकर ही अभिनय में जाने का मन बना लिया था इसलिए मां ही मेरा आदर्श है।

छोटे पर्दे पर डैब्यू के बाद कैसा महसूस कर रही है?
मै बहुत खुश हॅऔर उत्साहित हॅ । छोटा पर्दा मेरे लिए नया है पर अच्छा है। यहां स्कोप ज्यादा है। महिनें में 20 दिन दर्शकों से रूबरू होना पढता है। मुझे यकीन है कि मै मेहनत करके एक अलग मुकाम हासिल करूंगी।

अगर आप कलाकार न होती तो क्या होती?
सच पूछिए यदि मै कलाकार न होती तो टीचर या एडर्वटाईजिंग कंपनी में होती।

आपके शौक—-?
मुझे घूमना पंसद है। फोटोग्राफी, फिक्शन और धार्मिक पुस्तकें पढ़ना भी मेरे शौक है।
श्रेया झा और अगंना रायचंद मं क्या समानता है?
दोनों अलग-अलग है। असल जिदंगी में कभी कभार अंगना की तरह बन जाती हू पर बाद में सोचती हॅ कि श्रेया तो अगंना जैसी नही है। बाद में फिर मैं श्रेया बन जाती हू।