अम्बेडकर भारत की शुचिता और अस्मिता के प्रतीक थेः दयानंद वत्स

अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के तत्वावधान में आज उत्तर पश्चिम दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 36 के बरवाला गांव स्थित संघ के मुख्यालय में में बाबा साहेब अम्बेडकर की 126वीं जयंती संघ के राष्ट्रीय महासचिव अम्बेडकर वादी विचारक और चिंतक दयानंद वत्स की अध्यक्षता में सादगी और श्रद्धा से मनाई गयी। श्री वत्स ने कृतज्ञ राष्ट्र की और से दलितों और शोषितों के मसीहा भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर अपने संबोधन में दयानंद वत्स ने कहा कि बाबा साहेब भारत की शुचिता और अस्मिता के प्रतीक हैं। वे भारत के प्रत्येक जन के मसीहा हैं। उन्होने शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो का जो नारा दिया था वह देश के 125 करोड लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास का मूल मंत्र है। 

श्री दयानंद वत्स ने इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर मांग की है कि आज बाबा साहेब को जयंती और पुण्यतिथि तक सीमित कर दिया गया है इससे आगे बढकर उनकी शिक्षाओं और आदर्शों को पूरे वर्ष स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में अनिवार्य रुप से नयी युवा पीढी को डॉ. अम्बेडकर के व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित कराने ओर राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार योजना बनाऐं।