प्रेमबाबू शर्मा
छोटे परदे से बडे परदे तक काम कर चुके कुणाल खेमू नई ‘गो गोवा गान’ में दिखेगें ।भारत की इस जाम्बी कामेडी फिल्म में उनके साथ सैफ अली खान भी है। इस फिल्म की शुरूआत से डागलाग से राईटिंग फाइनल प्रोडेक्शन तक से जुडे कुणाल इसे लेकर काफी उत्साहित हैं । वे आज अपने करियर और दिल की बात बता रहे है प्रेमबाबू शर्मा को। वे क्या कहते है जानते है उनकी ही जुबानी ।
फिल्म ‘गो गोवा गान’ के बारे में आपका क्या कहना हैं ?
इस फिल्म की शुरूआत से मैं जुडा हुआ हूँ । यह एक क्राईम कामेडी फिल्म है। आज तक भारत में जाम्बी फिल्म नही बनीं थी। मुझे खुशी है कि मैं उस चीज का हिस्सा हूँ। जो अभी तक इतिहास में दर्ज नही है।मैं पहले दिन से जिस फिल्म से जुडा रहा हूँ , वह पूरी हुई इसलिए यह ये मेरे लिए खास है। इसमें कुछ नई चीजें सीखने को मिलीं। जाम्बी के मैकअप आर्टिस्ट आस्ट्रैलिया से आए थे।
फिल्म के डारेक्टर के साथ में काम करने का अनुभव कैसा रहा ?
फिल्म के डारेक्टर राज निदिमोरू और कृष्णा डीके दोनों ने मिलकर फिल्म ‘शोर इन दा सिटी’ बनाई थीं। दोनों का काम अच्छा लगा था । दोनों सम्पर्क में भी थे। वे चाहते थे साथ मिलकर काम करें। जाम्बी थीम पर काम करने के लिए उन्होंने काफी किताबे पढी। इसके बाद में इस थीम पर फिल्म बनाने की सोची। दोनों डारेक्टर काफी इनर्जेटिग है और फिल्म की दुनियां में कुछ अलग करना चाहते है। इसलिए इनके साथ में काम करके काफी मजा आया।
क्या बचपन से एक्टर ही की चाह थी ?
जी हाँ, एक्टर बनाना मेरा डिसीजन था जबकि घर के लोग चाहते थे,कि मैं साईटिस्ट,आर्किटेक या डाक्टर बनूं।
फिर परिवार वालो का नजरिया कैसे बदला ?
अभिनय की शुरूआत मैंने बाल कलाकार के तौर पर की थी। पहली बार पर्दे पर मैं दूरदर्शन के धारावाहिक ‘गुल गुलशन गुलफाम’ में दिखा था। छोटा-सा रोल था इसमें मेरा। हुआ यू कि एक बार पिताजी ‘गुल गुलशन गुलफाम’ टीवी सीरियल की शूटिंग के सिलसिले में कश्मीर गए थे मैं उनके साथ था उसी दौरान मैंने अपने पापा के डारेक्टर से पूछा आप मेरे पिताजी के साथ सीरियल बना रहे है तो मेरे साथ क्यों नही करते। फिर वही से सिलसिला शुरू हो गया।
फिर फिल्मों में कैसे आना हुआ ?
फिल्मों में आना भी मेरे लिए इतफाक की बात है। जब मैं सात वर्ष का था,तभी मुझे एक फिल्म‘हम है राही प्यार के’ में बतौर बाल कलाकार काम करने का मौका मिला। फिल्म में अमीर खान और जूही चावला थे। इस फिल्म में काम करते हुए काफी आनंद और अमीर खान जैसे अभिनेता के साथ काम करने का पहला अनुभव था। कुल मिलाकर एक अच्छा अनुभव था। उसके बाद कालेज पढाई के दौरान मैंने छः साल तक थियेटर किया।
महेश भट्ट से कैसे जुडे है ?
महेश भट्ट जैसे अनुभवी निर्देशक के साथ करना ही सौभाग्य की बात है। सही तौर पर कहें तो मैं महेश भट्ट सहाब की खोज हूँ । जब 13 वर्ष का हुआ तो फिल्म ‘जख्म’ में काम करने का मौका मिला। वे हमेशा कहा करते थे कि जब भी मुझे चाइल्ड आर्टिस्ट की जरूरत होगी,मैं तुम्हे ही लूंगा। महेश भट्ट के साथ में मैंने ‘कलयुग’ में भी काम किया। उन्होंने बचपन से लेकर आज तक मुझे बतौर स्टार की तरह ट्रीट किया है।
आप कम फिल्मों में नजर आते है इसकी कोई खास वजह ?
मैं कम किन्तु अच्छी फिल्में करना पंसद करता हूँ। अच्छी कहानियां मुझे हमेशा से उकसाती रही हैं। जब मैं कोई फिल्म करता हूं, तो यह देखता हूं कि उसकी कहानी क्या कह रही है। मेरा मानना है कि फिल्म वह माध्यम है जिसके जरिए किसी कहानी को ऑडियो-विजुअल रंग देकर पेश किया जाता है। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म मल्टीस्टारर है या उसमें मैं अकेला लीड रोल कर रहा हूं। शायद यही वजह है कि मैं फिल्मों की संख्या के हिसाब से नहीं चला हूं, मेरे लिए अच्छी फिल्में करना मायने रखता है। एक वयस्क अभिनेता के तौर पर अपनी पहली फिल्म ‘कलयुग’ के बाद से अब तक आठ साल से हो चुके हैं। सोचने को तो मैं लालची होकर सोच सकता हूं कि जितनी फिल्में की हैं उससे ज्यादा कर लेता… पर यह भी हो सकता था कि मेरी पहली ही फिल्म न चलती और मैं इंडस्ट्री से बाहर ही हो जाता! मैं आज आपसे बात कर रहा हूं, तो इसी वजह से कि मेरी पहली फिल्म चली और इन आठ साल से मैं यहां बना हुआ हूं। मैं शुक्रगुजार हूं ऊपर वाले का कि उसने मुझे इतने मौके दिए हैं और मैं वह करता हूं जो मुझे अच्छा लगता है।
आपके नाम को लेकर भ्रांति रहती है कि असल कुलनाम केमू है या फिर खेमू ?
मेरा कुलनाम ‘केमू’ है पर पता नहीं कब लोगों ने इसे ‘खेमू’ बना दिया! मैं जब बाल कलाकार के तौर पर काम कर रहा था, तो कोई मुझे ‘केमू’ तो कोई ‘खेमू’ कहकर बुलाता था। इसी दौरान फिल्म के क्रेडिट्स में भी मेरे सरनेम में ‘एच’ जोड़कर लिखा जाने लगा। तब से मेरा यही नाम पड़ गया। मैंने भी ज्यादा कोशिश नहीं की सुधारने की। पासपोर्ट में भी यह ‘केमू’ है, ‘खेमू’ नहीं। अब चल रहा है तो चल रहा है।
क्या आप सोहा अली के साथ में रिलेशन में है?
मैं पहले ही स्वीकार कर चुका हूँ कि हम लोग पिछले कई सालों से रिलेशन में है। पहली बार जब सोहा से मिला था जब सिर्फ हम फिल्म ‘99’ के बारे में बात करे रहे थे। हम लोगों ने एक दूसरे को अपना मोबाईल नंबर तक नही दिया था। उसके बाद हमारी बातचीत शुरू हुई। और अब हम जल्द शादी करने वाले है।
मैं पहले ही स्वीकार कर चुका हूँ कि हम लोग पिछले कई सालों से रिलेशन में है। पहली बार जब सोहा से मिला था जब सिर्फ हम फिल्म ‘99’ के बारे में बात करे रहे थे। हम लोगों ने एक दूसरे को अपना मोबाईल नंबर तक नही दिया था। उसके बाद हमारी बातचीत शुरू हुई। और अब हम जल्द शादी करने वाले है।